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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org लेख श्रमण-धर्म श्रमण - धर्म : एक विश्लेषण श्रमण परम्परा में धर्म और उसका महत्त्व श्रमण संस्कृति में अहिंसा के प्राचीन संदर्भ- क्रमशः " श्रमण संस्कृति में मोक्ष की अवधारणा श्रमणों का युगधर्म श्रावक के " गुण एवं भेद- क्रमशः "" श्रावक में षट्कर्म संथारा आत्महत्या नहीं संन्यास का आधार अन्तर्मुखी प्रवृत्ति संन्यास की मर्यादा संन्यासमार्ग और महावीर संयम जीवन का सम्यक् दृष्टिकोण संवत्सरी संवत्सरी संवत्सरी की सर्वमान्य तारीख श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक डॉ० मोहनलाल मेहता श्री रमेशमुनि शास्त्री श्री कानजीभाई पटेल डॉ० भागचंद जैन 'भास्कर' "" श्री प्रेमकुमार अग्रवाल मुनिश्री नेमिचन्द्र जी श्री कस्तूरमल बांठिया "" >> डॉ० रमेशचन्द्र जैन श्री दलसुख मालवणिया डॉ० मोहनलाल मेहता आचार्य विनोबा पं० दलसुख मालवणिया डॉ० सागरमल जैन श्री समीर मुनि 'सुधाकर' डॉ० गोकुलचन्द जैन दिलीप सुराणा वर्ष २५ २७ १५ २१ २१ २३ १२ १७ १७ १७ २६ १३ २ ११ ४ ३१ १२ ४० ३६ अंक 2) m ७ ५-६ ७ ८ १२ १२ ११ ११ ११ ई० ० सन् १९७४ १९७६ १९६४ १९७० १९७० १९७२ १९६१ १९६६ १९६६ १९६६ १९७५ १९६२ १९५१ १९५९ १९५३ १९८० १९६१ १९८९ १९८५ ३८७ पृष्ठ ३३-३८ १५-१८ २३-२७ ३-९ १०-१७ ३-९ ८-९ ३-११ ३-११ ३-१० ७-१३ ३५-३९ २३-२६ १३-१४ ७-११ २-१३ ३१-३५ ३ १६-२२
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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