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________________ श्रमण : अतीत के झरोखे में Jain Education International वर्ष अंक ई० सन् १६१ पृष्ठ । * * * ง * 944 » T For Private & Personal Use Only लेख अगरचंद नाहटा अष्टलक्षी में उल्लेखित अप्राप्य रचनायें अष्टलक्षी में उल्लेखित जयसुन्दरसूरि की शतार्थी की खोज आवश्यक अस्वाद व्रत भी तप है आगम मर्यादा और संतों के वर्षावास आचार्य भद्रबाहु और हरिभद्र की अज्ञात रचनाएं आचार्य हेमचन्द्र के पट्टधर आचार्य रामचन्द्र के अनुपलब्ध नाटकों की खोज अत्यावश्यक आचार्य श्री आत्माराम जी की आगम सेवा आत्म शोधन का महान् पर्व : पर्युषण आशुतोष म्युजियम में नागौर का एक सचित्र विज्ञप्तिपत्र ओसवंश-स्थापना के समय संबन्धी महत्त्वपूर्ण उल्लेख है उपा० भक्तिलाभरचित न्यायसार अवचूर्णि एक अप्रकाशित प्राचीन प्राकृत सूत्र या अध्ययन एक अज्ञात ग्रन्थ की उपलब्धि एक अज्ञात जैनमुनि का संस्कृत दूत काव्य ६ कतिपय जैनेतर ग्रन्थों की अज्ञात जैन टीकाएं कुंभारिया तीर्थ का कलापूर्ण महावीर मंदिर कर्मशास्त्रविद् रामदेवगणि और उनकी रचनाएँ * * * * * * * * * * * * १९६७ १९६७ १९६१ १९५७ १९७४ १९६१ १९६२ १९५१ १९७३ १९५२ १९७० १९७१ १९६१ १९६१ १९७८ १९७४ १९७८ ९-११ २७-२८ २५-३१ २६-३३ २५-३१ २१-२५ ४० ७-१३ १५-१९ २७-३३ १९-२१ २३-२५ २९-३० १७-२० २६-३१ २८-३१ ११-१९ * - * 3 ru or www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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