________________
१३८
Jain Education International
अंक
पृष्ठ
३७६
३७
w w w 9 9 9
७-९ १०-१९ १-८
३७
३७
१२-१६
३७
८-९
३७
For Private & Personal Use Only
श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक समन्तभद्र डॉ० सागरमल जैन विजय कुमार डॉ० डी० आर० भण्डारी डॉ. विनोद कुमार तिवारी सुभाष मुनि 'सुमन' महेन्द्रनाथ सिंह। श्रीमती कमलप्रभा जैन डॉ० सागरमल जैन केवल मुनि जी रामहंस चतुर्वेदी सुभाष मुनि 'सुमन' साध्वी प्रियदर्शनाजी सौभाग्यमल जैन 'वकील' श्री कृष्ण 'जुगनू' विजय कुमार राजकुमार जैन
लेख वीरावतार महावीर का जीवन दर्शन जैनदर्शन में बंधन-मोक्ष जैन नीति दर्शन एवं उसका व्यावहारिक पक्ष
जैन दर्शन की पृष्ठभूमि में ईश्वर का अस्तित्व ए महावीर और बुद्ध
धम्मपद और उत्तराध्ययन का एक तुलनात्मक अध्ययन प्राचीन जैन साहित्य में वर्णित आर्थिक जीवन-एक अध्ययन जैन विद्या के निष्काम सेवक : लाला हरजसराय जी जैन चरित्र की दृढ़ता जैनागमों में वर्णित नागपूजा सर्वधर्म समभाव और स्याद्वाद जैन साधना पद्धति में ध्यानयोग क्षमा में विश्व बन्धुत्व इन्द्रियनिग्रह से मोक्ष-प्राप्ति जैन दर्शन में जीव का स्वरूप महत्तरा श्री जी का महाप्रयाण
ई० सन् १९८६ १९८६ १९८६ १९८६ १९८६ १९८६ १९८६ १९८६ १९८६ १९८६ १९८६ १९८६ १९८६ ।। १९८६ १९८६ १९८६ १९८६
३७ ३७ ३७ ३७ ३७
८-९ १० १० १०
१०-१९ २१-२४ २६-३३ १-७ १०-१५ १८-२७ २-४ ५-७ ९-१५ १६-२६
३७
३७
११ ११
३७
www.jainelibrary.org
३७