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________________ Jain Education International و ई० सन् पृष्ठ २९-३४ ३५-३८ ه १९५० r ه ه m ه m m x ه x ه x For Private & Personal Use Only लेख तलाक विजय आत्महित बनाम परहित नारी और त्यागमार्ग संन्यास का आधार-अन्तर्मुखी प्रवृत्ति । अतीत, धर्म और साधु संस्था सम्यग्ज्ञान और मिथ्याज्ञान के बीसवीं सदी का प्रथमार्ध: राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय ए पलायनवाद जंगम आगम संशोधन मंदिर • नेपाल का शाहवंश और उनके पूर्वज ई परिग्रह मीमांसा जैनत्व या जैन चेतना लंदन में कतिपय अप्राप्य जैन ग्रन्थ भगवान् महावीर का जन्म और निर्वाणभमि : महावीर का व्यक्तित्त्व जैनधर्म और वर्ण व्यवस्था युगपुरुष भगवान् महावीर श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक अंक श्री पृथ्वीराज जैन २ कु० सत्यवती जैन २ २ पं० दलसुख मालवणिया पृथ्वीराज जैन मोहनलाल मेहता २३ बरट्रेन्ड रसल २ ३ प्रो० इन्द्र २ ४ श्री गुलाबचन्द्र चौधरी श्री चुन्नीलाल वर्धमान शाह पं० दलसुख मालवणिया मुनि कनक विजय श्री रघुवीरशरण दिवाकर प्रो० विमलदास जैन २ ५ श्री अगरचन्द नाहटा २ ५ श्री गुलाबचन्द चौधरी २ ६ . श्री हरजसराय जैन २ ६ पं० फूलचन्द्र जी सिद्धान्तशास्त्री २ श्री पृथ्वीराज जैन २ ६ ه x ه १९५० १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१ १९५१। १९५१ १९५१ x ه १४-२० २३-२६ ३१-३४ ११-१४ १७-२४ २५-२७ २८-३२ ३४-३८ ९-१४ २१-२६ २७-२९ ९-१२ १३-१५ १५-२३ २४-२७ ه 5 5 w ه w ه w www.jainelibrary.org w ه
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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