SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 135
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only 'ल mmm » » » » » 337 3 w w ur w ur १२६ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेख लेखक वर्ष अंक जैन दर्शन में प्रत्यक्ष का स्वरूप (विशेष शोध-निबन्ध) डॉ० बशिष्ठ नारायण सिन्हा ३३ श्रोत्र इन्द्रिय की प्राप्यकारिता : एक समीक्षा श्री नंदलाल जैन ३३ स्याद्वादः एक भाषायी पद्धति श्री भिखारीराम यादव ३३ जैन धर्म में आत्मतत्त्व निरूपण प्रो० रामदेव राम यादव जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि डॉ० आदित्य प्रचण्डिया दीति ३३ र जैन भिक्षुणी-संघ और उसमें नारियों के प्रवेश के कारण श्री अरुण कुमार सिंह भगवान् श्री अजितनाथ श्री भूरचन्द जैन भिगमंगों-मन डॉ० रतनकुमार जैन नैतिक आचरण विधि : सोरेन की गार्ड और जैन दर्शन पाण्डेय रामदास गम्भीर सत्ता का दर्प उपाध्याय अमरमुनि जी अहिंसा परमोधर्मः रविशंकर मिश्र ३३ ५ दशरूपक की एक अव्याख्यात्मक गाथा पं० विश्वनाथ पाठक श्रमण भगवान् महावीर के चारित्रिक अलंकरण रविशंकर मिश्र ३३६ महावीर के सिद्धान्त-युगीन सन्दर्भ में डॉ० सागरमल जैन ३३६ क्रान्तदर्शी महावीर उपाध्याय अमरमुनि जी दुर्दान्त दस्यु दया का देवता बना श्री वीरेन्द्रकुमार जैन ३३६ भगवान् महावीर और युवा-अध्यात्म श्री जमनालाल जैन ३३६ ई० सन् १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ १९८२ पृष्ठ १-२४ २५-३२ ३३-३८ १-९ १०-११ १२-१६ १७-२० २१-२८ ३-१२ १३-१६ १७-१९ २०-२१ १-२ ३-२७ २८-३८ ३९-५० ५१-५५ www.jainelibrary.org
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy