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________________ १२१ Jain Education International ३२ ३२ .و به به به به سه سه سه ३२ ३२ ३२ ई० सन् १९८० १९८० १९८० १९८० १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ लेख राजा मेघरथ का बलिदान प्राणीमात्र के विकास का आधार : जैन धर्म अनमोलवाणी-संकलन कर्मों का फल साहित्य में गोम्मटेश्वर बाहुबलि शिल्प में गोम्मटेश्वर बाहुबलि बाहुबलि : चक्रवर्ती का विजेता कीर्ति के शत्रु; क्रोध और कुशील महाकवि पुष्पदन्त और गोम्मटेश्वर बाहुबलि कल्पना का स्वर्ग या स्वर्ग की कल्पना सदाचार मानदण्ड और जैन धर्म दार्शनिक क्षितिज का दीप्तिमान नक्षत्र चक्षुष्मान पं० सुखलाल जी विद्या-वारिधि एवं प्रज्ञा-पुत्र भारतीय दर्शनों का समन्वयवादी स्थितप्रज्ञ पुरुष पं० सुखलाल जी- एक संस्मरण ३२ श्रमण : अतीत के झरोखे में लेखक उपाध्याय अमर मनि डॉ० महेन्द्रसागर प्रचंडिया महात्मा चेतनदास जी डॉ० आदित्य प्रचण्डिया डॉ० सागरमल जैन डॉ० मारुति नन्दन प्र० तिवारी उपाध्याय अमर मुनि आनन्द ऋषि जी म० सा० डॉ० देवेन्द्र कुमार श्री सौभाग्यमल जैन डॉ० सागरमल जैन उपाध्याय श्री अमर मुनि जी उपाध्याय महेन्द्र कुमार जी मुनिश्री नगराज जी पं० श्री विजयमुनि जी श्री देवेन्द्रमुनि शास्त्री श्री रमेशमुनि जी शास्त्री For Private & Personal Use Only पृष्ठ १३-१५ १६-१८ १९ २०-२१ १-९ १०-२० २१-२६ १-९ १३-१६ १७-२१ २२-२७ ११-१३ १४-१५ » » » ३२ ه १९८१ م ५। ५ م ३२ ३२ ३२५ ३२ م १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ १९८१ م १७-२७ २८-३२ م www.jainelibrary.org प्रज्ञामूर्ति ३२ م
SR No.001784
Book TitleShraman Atit ke Zarokhe me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1999
Total Pages506
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size17 MB
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