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| पार्श्वनाथ विद्यापीठ ग्रन्थमाला : 116
प्रधान सम्पादक
डॉ० सागरमल जैन
श्रमण अतीत के झरोखे में
भवणिनिशानामावणिदलिना -प्रसादा आगालमवहाअवदारितामा दयाला परिकावासासाद्याला गमता विहिकडासमणवामदावा शिवाय
दाविणाकायलसंधाडामिय शासमण B मिक्षिामाणवरवत्रियकमा यासमय शवजागनिहवरमवनियम हाडा रातिमलागवत्रिवाणवावग्याग
पीठ
विद्या
पार्श्वनाथ
वाराणसी
पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी
1999
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