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लेना चाहिए ।
सूर्य ग्रह
सूर्य ग्रह तीसरी उंगली या अनामिका के नीचे स्थित होता है। यदि सूर्य ग्रह बड़ा और सुविकसित हो तो कीर्ति व प्रसिद्धि और प्रतिभा सम्पन्न होने का परिचायक होता है। इसका बड़ा और सुविकसित होना सौभाग्य का चिन्ह है। इस ग्रह के गुणों से प्रभावित व्यक्ति चाहे कलाकार हो, सुन्दर वस्तुओं के प्रति रूचि रखता है। ये लोग व्यवहारिक जीवन में सफल होने में सुन्दर भवन बनवाते हैं और उसके चारों तरफ बाग-बगीचे बनाते हैं। ये अत्यन्त उदार हृदय के होते हैं और साथ ही साथ शौकीन तबीयत और खुश मिजाज होते हैं और दूसरे से भी वैसा ही व्यवहार चाहते हैं।
सूर्य बैठा, उंगली तिरछी या सूर्य पर अधिक कटी-फटी रेखाएं होने पर व्यक्ति बदमिजाज, अधिक दिखावा करने वाला तथा झगड़ालू होता है। सूर्य पर अधिक रेखाएं होने पर यदि हाथ अच्छा हो तो व्यक्ति अधिक व्यस्त रहता है और व्यस्तता के कारण उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। हाथ उत्तम न होने के कारण व्यर्थ की व्यस्तता अपने सिर पर लादे रहते हैं।
अच्छे सूर्य ग्रह वाले व्यक्ति शिल्प कला, खाने-पीने व कपड़े आदि का व्यापार करने वाले होते हैं। हाथ में सूर्य व शनि अच्छा होने से सूर्य की उंगली तिरछी हो तो व्यक्ति खेती में अधिक रूचि लेते हैं और यदि दोनों उंगलियां भी सीधी हो तो वे विशेष सफलता प्राप्त करते हैं । चमसाकार हाथ वाले व्यक्ति खाने-पीने के व्यापार में अधिक रूचि लेते हैं। सूर्य व बृहस्पति उत्तम होने पर भी व्यक्ति खाने-पीने सम्बन्धी वस्तुओं का कारखाना लगाते हैं। बुध उत्तम होने पर औषधि सम्बन्धी कार्य में रूचि लेते हैं। सूर्य व शुक्र उत्तम होने पर सिनेमा या होटल, ड्रामा कम्पनी सम्बन्धी कार्य करते हैं। सूर्य उत्तम तथा सूर्य की उंगली सीधी तथा निर्दोष सूर्य रेखा होने पर सर्कस व उपरोक्त धन्धे में व्यक्ति को अच्छी सफलता मिलती है और विख्यात होता है।
चित्र: 20 सूर्य ग्रह
भाग्य रेखा चन्द्रमा से निकलकर शनि पर जाने की दशा में अगर सूर्य उत्तम हो व सूर्य रेखा हो तो व्यक्ति राजनेता होता है। मध्यम हाथ होने पर किसी ट्रेड यूनियन आदि में भाग लेते हैं। सूर्य पर वृत्त होना यशस्वी व बहुत धनी होने का लक्षण है। वृत्त होने पर यदि सूर्य ग्रह के नीचे हृदय रेखा में दोष और सूर्य रेखा में भी दोष हो तो व्यक्ति की आंख में दोष होने का संकेत होता है। सूर्य पर जितनी खड़ी रेखाएं
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