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________________ नाखूनों में चन्द्र नाखूनों के पीछे की ओर सफेद भाग देखा जाता है, यह अर्ध चन्द्राकार होता है । ऐसे व्यक्तियों का भार अवश्य बढ़ता है। भाग्य रेखा पतली होने के समय से इनका भार बढ़ना आरम्भ हो जाता है और जिस समय तक यह चन्द्र दिखाई देते रहते हैं, भार बढ़ता ही रहता है। जीवन रेखा सीधी होने पर व्यक्ति अधिक मोटा हो जाता है। अधिक बड़ा चन्द्र व्यक्ति में हृदय की कमजोरी का लक्षण है, इनको घबराहट बहुत होती है। अर्ध चन्द्र व अपूर्ण रेखा भी शरीर का भार बढ़ने का लक्षण है। चन्द्र रहित नाखून नाखून छोटे अर्थात कम लम्बे होने पर उनमें सफेद चन्द्र का अभाव होता है। ये भी दुर्बल स्नायु के होते हैं व हृदय कमजोर होता है । परन्तु यदि नाखून मोटे व दबाने पर सख्त हों तो उपरोक्त रोगों का भय नहीं रहता । नाखूनों में दाग नाखूनों में सफेद दाग भी स्नायु दुर्बलता का लक्षण है। ऐसे व्यक्ति प्रेमी और साधारण झूठ बोलने वाले होते हैं। बचपन में अधिक वीर्यपात के कारण भी नाखूनों में इस प्रकार के दाग हो जाते हैं। सूर्य की उंगली पर सफेद दाग होने पर व्यक्ति को सम्मान लाभ होता है। बृहस्पति पर लेखन सम्बन्धी व शनि पर धन सम्बन्धी लाभ होता है। नाखूनों में काले दाग व्यक्ति की मृत्यु की सूचना देते हैं। इनको मस्तिष्क में शीघ्र ठेस पहुंचती है। स्त्री मरने, सन्तान भाग जाने या उसकी मृत्यु होने पर धन नाश होने या सम्मान पर प्रहार होने पर नाखूनों में काले दाग पैदा हो जाते हैं । 1 नाखूनों में काले दाग शारीरिक कष्ट का चिन्ह हैं। यदि ऐसे दाग नाखून के आरम्भ अर्थात् चन्द्र के स्थान पर हों तो मृत्यु जैसे कष्ट का सूचक है। नालीदार (रेखायुक्त) नाखून प्रायः नाखूनों में नालियां बन जाती हैं। ये नालियां नाखूनों के बीच गहराई हो जाने का परिणाम होती हैं। लम्बे समय तक पेट में गैस या कब्ज रहने के पश्चात् इस प्रकार की नालियां बनती हैं। मस्तिष्क रेखा शनि के नीचे दोषपूर्ण होने पर अंगूठे के नाखून में इस प्रकार की नालियां या रेखाएं मधुमेह का निश्चित लक्षण है। नाखून में कभी-कभी काली धारियां भी देखी जाती हैं। ऐसे व्यक्तियों के पेट गैस बनती है तथा आगे चल कर इन्हें गुर्दे के रोग हो जाते हैं। अंगूठे में इस प्रकार का काली धारी होने पर व्यक्ति को सिर में दर्द की शिकायत रहकर उसके मस्तिष्क Jain Education International 65 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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