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दूसरे के लिए बुरी बात सोच भी नहीं सकते, बुरा करना तो बहुत दूर की बात है। ऐसे व्यक्ति जीओ और जीने दो के सिद्धान्त वाले होते हैं, परन्तु इनमें अहम की भावना होती है।
अंगूठा लम्बा होने पर यदि मस्तिष्क रेखा निर्दोष और बुध की उंगली व उसका नाखून उत्तम हो तो ऐसे व्यक्ति विशेष कुशल निर्णायक एवं न्यायमूर्ति होते हैं। किसी बात को बहुत शीघ्र समझकर दूध का दूध और पानी का पानी कर देते हैं। इनकी परख बहुत उत्तम होती है। इनके दिए हुए निर्णय में संशोधन की गुंजाइश नहीं होती। उलझी से उलझी बात का सार अतिशीघ्र लेते हैं। अतः अंगूठा लम्बा होना हाथ व मानवता के मूल्यों में वृद्धि करता है। ऐसे व्यक्ति आवेश या भावुकता के वशीभूत होकर कोई कार्य नहीं करते। सोच-समझ कर हानि-लाभ का निर्णय लेकर ही किसी कार्य को करते हैं। ये पूर्णतया बुद्धिवादी होते हैं। प्रबन्ध शक्ति व ग्रहण शक्ति इनमें उत्तम कोटि की होती है। ऐसे व्यक्ति समय के पाबन्द, जुबान के पक्के व अनुशासित होते हैं।
छोटा अंगूठा
छोटा अंगूठा व्यक्ति में ज्ञान की कमी व पशुत्व होने का चिन्ह है। ऐसे व्यक्ति क्रोधी, वहमी, जल्दबाज, अकडू, छोटा काम करने वाले, अधिक मेहनत करने वाले आदि होते हैं। ऐसे व्यक्ति के घर का वातावरण ठीक नहीं रहता। अंगूठा छोटा होने पर यदि मोटा भी हो तो परिवार के व्यक्तियों से विरोध चलता रहता है। भावुकता में आकर ऐसे व्यक्ति अपनी सम्पत्ति आदि छोड़ बैठते हैं, लेकिन सहायता का वचन देने पर ये किसी भी परिस्थिति में व्यक्ति की सहायता करते हैं। ऐसे व्यक्ति की पत्नी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, क्योंकि ये अधिक वासनात्मक होते हैं। ऐसे व्यक्तियों की पत्नी को गर्भपात का सामना करना पड़ता है। ये जिद्दी या अधिक बहस करने वाले होते हैं। मस्तिष्क रेखा में थोड़ा भी दोष होने पर इनकी आदत गाली बकने वाली होती है। स्त्री व बच्चों पर हाथ उठाने में इन्हें देर नहीं लगती। ये बच्चों को छोटी-छोटी बात पर मारते व गाली बकते हैं।
अंगूठा छोटा होने पर पतला हो, उंगलियां पतली हों तो व्यक्ति में विवेक बढ़ कर उपरोक्त दुर्गुणों में कमी हो जाती है, फिर भी कुछ न कुछ ऊपर बताए दुर्गुण रहते ही हैं।
मोटा अंगूठा
मोटे अंगूठे के गुण, छोटे अंगूठे से लगभग मिलते-जुलते हैं। ऐसे व्यक्ति भी क्रोधी, जल्दबाज व सीधे होते हैं और दूसरे का हस्तक्षेप कम पसन्द करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को क्रोध जल्दी आता है और देर तक रहता है। जब तक बात साफ नहीं
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