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पहुंचते। हां, एक बात है कि यदि किसी ने लचकदार अंगूठे वाले से कोई कृपा की मांग की हो तो वह उस मांग को तुरन्त पूरा कर देगा, परन्तु यदि मांगने वाले ने कुछ सोच-विचार का समय उसे दे दिया तो सम्भव है, वह अपने वचन से बदल जाये। दृढ़ जोड़ वाले अंगूठे के जातकों में यह विशेषता होती है कि वह किसी की मांग को अस्वीकार कर देता है। परन्तु यदि सोच-विचार कर उसे मांग उचित लगी तो वह उसे स्वीकार कर लेता है। परन्तु एक बार जब वह अपने निर्णय पर पहुंच जाता है, तो कोई कुछ भी कहे, वह उसे नहीं बदलता।
इस प्रकार दृढ़ जोड़ वाले अंगूठे का स्वामी अधिक दृढ़, निश्चित और स्थिर स्वभाव का होता है और जितना ही उसके अंगूठे का प्रथम पर्व बड़ा हो उतनी ही अधिक इच्छा शक्ति की वृद्धि उसमें होती है। इस प्रकार के अंगूठे वाले सरलता और शीघ्रता से मित्र नहीं बनाते। यदि रेल यात्रा कर रहे हों तो अपने आप ही वे सहयात्रियों से घुलमिल नहीं जाते। इसके विपरीत लचकदार अंगूठे वाले अपरिचित व्यक्तियों से शीघ्र ही घुलमिल जाते हैं। लोग उनके प्रति शीघ्र आकर्षित हो जाते हैं। कभी-कभी तो वह अपने मीठे स्वभाव और उदार हृदयता के कारण धोखा भी उठा बैठते हैं।
जब अंगूठा अपने दूसरे पर्व पर या मूलस्थान पर लचकदार हो तो जातक अपने आपको व्यक्तियों के नहीं, परिस्थितियों के अनुकूल बना लेता है। वह उनसे ऊपर उठने का प्रयत्न नहीं करता, बल्कि अपने आपको समझा लेता है कि जैसा समय आ गया है, उसी के अनुकूल चलना उचित होगा।
गदा के आकार का अंगूठा वह होता है जिसका अन्त गदा के समान चौड़ा हो। इस प्रकार के अंगूठे वाले जहां तक इच्छा-शक्ति का प्रश्न है, निम्न श्रेणी के होते हैं। वह अत्यन्त निष्ठुर और हठी होते हैं। यदि किसी बात के विरूद्ध हों तो क्रोध में अन्धे हो जाते हैं। वे अपने ऊपर नियन्त्रण खो बैठते हैं और आवेश में आकर हिंसात्मक कार्य कर डालते हैं। अधिकतर हत्यारों के हाथ के अंगूठे गदा की आकृति के पाये जाते हैं। ऐसे अंगूठे के स्वामी किसी अपराध की योजना बनाकर कार्यान्वित नहीं करते, क्योंकि उनमें अधिक सोच-विचार करने की क्षमता नहीं होती।
आकृति के आधार पर हम अंगूठों का वर्गीकरण निम्न प्रकार कर सकते हैं-- लम्बा अंगूठा
लम्बा अंगूठा व्यक्ति में मानव-सुलभ गुणों का परिचायक है। ऐसे व्यक्ति उदार, शांत, बुद्धिमान, शौकीन, मानव-गुण सम्पन्न एवं विशाल हृदय होते हैं। यदि अंगूठा लम्बा होकर बृहस्पति की उंगली के द्वितीय पोर तक जाता हो तो ऐसे व्यक्ति जज व निर्णायक होते हैं। इन व्यक्तियों में निर्णय व नियन्त्रण शक्ति उत्तम होती है। अतः कामवासना या अन्य कुत्सित भावना को नियंत्रित करने की इन जैसी शक्ति दूसरे व्यक्तियों में नहीं देखी जाती। ऐसे व्यक्तियों को महामानव कहा जा सकता है। ये
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