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________________ के पक्के होते हैं। इनसे देश, जाति, समाज भी उतना ही लाभान्वित होता है, जितना कि स्वयं का परिवार । जीवन रेखा में दोष होने या नहीं होने पर भी ऐसे व्यक्तियों के सन्तान अधिक होती है। बच्चे आरम्भ में बड़े स्वस्थ दिखाई देते हैं परन्तु बाद में उनके स्वास्थ्य में गिरावट आ जाती है। बड़े होकर फिर स्वस्थ हो जाते हैं। ऐसे व्यक्तियों की सन्तान को खूनी पेचिश, निमोनिया, रक्तदोष व टायफाइड बुखार अधिक होता है। जीवन और मस्तिष्क रेखा में दोष होने पर विशेष रूप से ऐसा फल कहा जा सकता है। दोष कम या नहीं होने पर तीन या पांच बच्चे होते हैं, नहीं तो एक या दो सन्तान देखी जाती हैं। उनमें भी पुत्र मुश्किल से जीवित रहता है। इनकी सन्तान को भी सन्तान के विषय में चिन्ता रहती है। इनकी लड़कियां मासिक धर्म के दोष के कारण मोटी हो जाती हैं। सन्तान उत्पत्ति के पश्चात् घर में उन्नति होती है, स्वभाव भी सन्तान का कुछ तेज होता है। इन हाथों में अधूरी या टूटी जीवन रेखा सन्तान दोष करती है, वह धन पर प्रभाव नहीं करती। स्वयं के भाई-बहन अधिक होते हैं, परन्तु जीते कम हैं। पुत्र की पत्नी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। मासिक धर्म के दोष, गर्भ गिरना, मृत सन्तान होना या सन्तान न होना आदि समस्याएं सामने आती हैं। बच्चों की सन्तान का स्वास्थ्य भी कमजोर होता है और लड़कियां अधिक होती हैं। ऐसे व्यक्तियों के बचपन में मां-बाप, दादा-दादी और किसी की मृत्यु होती है। हाथ में विशेष दोष होने पर पूरा परिवार ही स्वाहा हो जाता है। मरने वाले बीमार होकर मरते हैं। ऐसे व्यक्तियों के वंश में क्षय, प्रजनन कष्ट, लकवा, अतिसार या मस्तिष्क के रोग से मृत्यु होती है। अचानक और जवान मौत भी होती है। बच्चे व जवान दोनों ही मरते हैं। वंश में कई दुःखद घटनाएं होती हैं। ऐसे व्यक्तियों को आरम्भ में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। इस प्रकार का संघर्ष किसी विशेष व्यक्ति की मृत्यु के बाद धन के कारण होता है, परन्तु इनका काम हमेशा चलता रहता है । अन्त में इन लोगों के पास धन की कमी नहीं रहती । इनके माता-पिता या दादा की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है, परन्तु किसी एक भाई या बहन की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती । वंश में कोई स्त्री या पुरुष दो विवाह करते हैं। मध्यायु के पश्चात् ऐसे व्यक्ति उन्नति करते हैं। कलाकार हाथ इस हाथ में उंगलियां नुकीली होती हैं तथा लम्बी दिखाई देती हैं। ऐसे हाथ में नाखून बड़े होते हैं तथा सूर्य की उंगली विशेष सीधी होती है। इनकी आकृति समकोण हाथ से कुछ मिलती-जुलती होती है। सूर्य, मंगल और शनि उत्तम होते हैं। वास्तव 22 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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