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________________ तीर्थ यात्राएं अधिक करते हैं। स्वयं का रहन-सहन बढ़िया और दूसरों के साथ भी बर्ताव अच्छा होता है। मगर परिवार में सैद्धान्तिक मतभेद रहता है। इन्हें कई-कई काम बदलने पड़ते हैं और खर्च करने की आदत के कारण बचत देर से होती है। ऐसे व्यक्ति सम्पत्ति में अधिक विश्वास करते हैं, नकद में नहीं। यद्यपि ये बचाने की इच्छा नहीं करते तो भी इनकी सम्पत्ति बनाने की इच्छा अवश्य रहती है। उंगलियां लम्बी होने पर तो सबसे पहले ऐसे व्यक्ति मकान की समस्या ही सुलझाते हैं। हाथ में उत्तम लक्षण होने पर उसका लाभ ऐसे व्यक्तियों को देर से मिलता है, क्योंकि बनाई गयी सम्पत्ति से दूर रहते हैं। सूर्य दबा होने पर ऐसे व्यक्ति घर छोड़ कर नहीं जाना चाहते, इस कारण भी इनके व्यक्तित्व का पूर्ण विकास नहीं हो पाता। ऐसे व्यक्ति विदेश यात्रा पसन्द नहीं करते। ये स्वच्छ कपड़े पहनने वाले तथा अच्छा काम करने वाले होते हैं। स्त्रियों का हाथ आदर्शवादी होने पर ऐसी स्त्रियों में नखरे बहुत होते हैं। मन से ऐसी स्त्रियां वासनाओं से ओत-प्रोत होते हुए भी इन्हें विचारों से व्यक्त नहीं करतीं। आकर्षण भी इसी प्रकार गुप्त रखती हैं। दाम्पत्य सुख के समय भी ये नाटकीय ढंग अपनाती हैं। पुरूष होने पर ऐसे पुरूष उपरोक्त प्रकार से ही स्त्री को तंग करते हैं। बृहस्पति बैठा तथा बृहस्पति की उंगली विशेष छोटी होने पर आचरण पर बारबार कलंक लगता है। ऐसी स्त्रियां बलात्कारी अवस्था में बेइज्जती के कारण अपनी बुराई को गुप्त रखने वाली होती हैं। बृहस्पति तीखा या उभरा होने पर ऐसे व्यक्तियों के परिवार में से कोई व्यक्ति सेना, विशेषतया जल सेना में रूचि लेता है। बृहस्पति सुन्दर होने पर इसका लाभ भी उठाता है। इन हाथों में भी जन्म तिथि 7 जोड़कर जैसे पहले बताया गया है, वर्ष अच्छा रहता है। ऐसे व्यक्तियों के कार्य में अधिक साझेदार नहीं होते। या तो परिवार के व्यक्ति होते हैं या अधिक से अधिक दो साझी होते हैं। ये मित्र भी अधिक नहीं बनाते, परन्तु जिससे मित्रता करते हैं, जीवन भर निभाते हैं। क्रोधी तो होते हैं, परन्तु बोलते नहीं। ऐसे व्यक्ति हानि उठाने के बावजूद भी साझा नहीं तोड़ते। बृहस्पति व बुध तीखा व उभरा होने पर ऐसे व्यक्ति उत्तम प्रकार के सैद्धान्तिक व साहित्यकार होते हैं। हल्की या इधर-उधर की बातें लिखना नहीं जानते। जो भी लिखते हैं ठोस, मौलिक एवं उत्तम प्रकार से लिखते हैं। इनके साहित्य का विद्वानों में आदर होता है। आदर्श हाथों में भी जैसा स्वयं का कठिन या शुभ समय होता है, वैसा ही मित्र, सम्बन्धियों और पड़ोसियों आदि का भी होता है। ऐसे व्यक्तियों की ससुराल में साला, साली आदि में से कोई न कोई बीमार रहता है। ससुराल का परिवार बड़ा होता है और मामा का परिवार छोटा। मामा के पास पैसा अधिक होता है, परन्तु उससे लाभ नहीं होता। बृहस्पति, बुध व शनि उन्नत होने पर ये अपने सिद्धान्त 21 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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