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________________ पुस्तकें, नॉवेल, कहानियां आदि पढ़ते रहते हैं। फलस्वरूप अध्ययन में विध्न होता है। ये घबराते अधिक हैं, अतः परीक्षा काल में घबराहट या किसी रोग के कारण रूकावट उपस्थित होती है। ऐसे विद्यार्थी कुटेंव ग्रस्त होते हैं, प्रेम सम्बन्ध या अप्राकृतिक मैथुन आदि आदतें इन्हें बचपन में रहती हैं। इस कारण भी स्वास्थ्य में कमी व मस्तिष्क में थकान महसूस होती है। ऐसे व्यक्ति अपनी याददाश्त को कमजोर समझते हैं परन्तु वास्तव में ऐसा नहीं होता। जोड़ का समय निकल जाने के पश्चात् जिम्मेदार और अध्ययनशील रहकर सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसे व्यक्ति वहमी, आत्मविश्वासहीन व शीघ्र घबराने वाले होते हैं। किसी भी कार्य को समय पर नहीं करते, अवसर चूकने पर ही उसके पीछे दौड़ते हैं, फलस्वरूप इनके सोचे हुए कार्य से दूसरे ही लाभ उठाते हैं। ये किसी भी काम को जम कर लम्बे समय तक नहीं कर सकते, अत: जीवन में बार-बार काम या नौकरी बदलनी पड़ती है या दुर्भाग्यवश ही नौकरी छूट जाती है अथवा विचार न मिलने या नौकरी अस्थायी होने के कारण बदलनी पड़ती है। व्यापार में होने के कारण कुछ कठिनाई जैसे मशीन में खराबी, बिक्री ठीक न होना, अनुमान से अधिक लागत आना आदि झंझट भी होते हैं परन्तु झंझट समाप्त होकर काम ठीक चलने से पहले ही ये कार्य बदल देते हैं। इनकी आदत आज का काम कल पर छोड़ने की होती है। ऐसे व्यक्ति दीर्घ सूत्री होते हैं, आत्मविश्वास कम होने के कारण कोई भी निर्णय समय पर नहीं ले सकते और करें, न करें, क्या होगा, आदि में उलझे रहते हैं क्योंकि कोई भी काम अपने आत्मबल पर या अपने सहारे नहीं कर सकते। हर काम करने के लिए इन्हें किसी न किसी के साथ या समर्थन की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए कुछ खरीदने के लिए बाजार जाना हो तो किसी साथी को लेकर जाते हैं। इसी तरह प्रत्येक कार्य में देरी होती है। इनके आलस्य में रति-प्रियता भी एक कारण होता है। ऐसे व्यक्ति किसी बात को स्पष्ट रूप से नहीं कह सकते और न ही अपने विचारों को ढंग से दूसरों के सामने रख ही सकते हैं। समय बीतने पर सोचते हैं कि अमुक बात इस प्रकार से कहनी चाहिए थी। ऐसी स्त्रियां किसी बात को अनेक ढंग से समझती हैं। वहमी होती हैं और अपने पति पर शंका करती रहती हैं। रोने में तो ये मास्टर होती हैं। इनको मासिक धर्म का रोग, कान में खराबी, गर्भाशय के रोग, दौरे, बेहोशी, सिर में दर्द आदि के रोग होते हैं। मस्तिष्क रेखा में शनि के नीचे विशेष दोष होने पर इन्हें भंयकर व गन्दे सपने आने से गर्भपात हो जाता है। लम्बी उंगलियां होने पर ऐसी स्त्रियां दूसरों के प्रभाव में शीघ्र आती हैं और कभी-कभी दूसरों के प्रभाव में आकर जीवन खराब कर लेती हैं। इस दशा में जीवन रेखा भी दोषपूर्ण होनी चाहिए। ये भावुकतावश अपने पति 224 H. K. S-14 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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