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________________ को अपनी पहली गलतियां बता डालती हैं, फलस्वरूप गृहस्थ जीवन कटु और तलाक तक हो जाता है। ससुराल में जाने के पश्चात् इनके सामने कोई न कोई समस्या अवश्य होती हैं, जिसके कारण कुछ समय तक ससुराल में मानसिक अशान्ति रहती है। ऐसी स्त्रियां पलटकर जवाब नहीं देती, रोने लगती हैं। आरम्भ में ऐसा लगता है कि जैसे ये विवाह के पश्चात् फंस गई हों। भाग्य रेखा में दोष व हृदय रेखा की शाखा मस्तिष्क रेखा पर आने की दशा में या जीवन रेखा टूटी होने पर तलाक हो जाता है। ऐसी स्त्रियों के पति किसी दूसरी स्त्री के सम्पर्क में आने से इनकी ओर ध्यान नहीं देते। ये अच्छे कपड़े पहनना पसन्द करती हैं परन्तु अपने मन की इच्छा को किसी के सामने नहीं कहतीं । अन्याय होने पर ये अन्याय बर्दाश्त करती चली जाती है जिसका फल पागलपन, आत्महत्या या इस प्रकार की कोई दुर्घटना होती है। जीवन रेखा सुन्दर व गोल होने पर इस दोष में बहुत कमी हो जाती है तो भी जोड़ के समय तक परेशानियां रहती हैं और कोई न कोई समस्या खड़ी रहती है। भाग्य रेखा व मस्तिष्क रेखा निर्दोष होने पर काम तो आराम से चलता है परन्तु स्वास्थ्य, परिवार या रोजगार की समस्या थोड़ी बहुत रहती है। जोड़ की आयु तक ऐसे व्यक्ति खर्चीले, लापरवाह और गैर जिम्मेदार होते हैं, अतः असफलता ही मिलती है। जोड़ लम्बा होने पर, अंगूठा कम खुलने व मस्तिष्क रेखा में दोष होने पर इन्हें क्रोध में बेहोशी, कम्पन, पसीना या प्यास लगना देखा जाता है। इनकी हृदय गति क्रोध में बढ़ जाती है। बात काटने या क्रोध आने पर ये अपनी पत्नी पर हाथ उठा देते हैं। ऐसे व्यक्ति मूडी होते हैं। नौकरी में होने पर ऐसे व्यक्ति अपने काम को सुचारू रूप से नहीं चला सकते। इन्हें अपने अफसरों के पीछे बकने की आदत होती है, फलस्वरूप इनके प्रति अफसरों का दृष्टिकोण अच्छा नहीं होता। ऐसे व्यक्ति अपनी सीट पर भी कम ही बैठते हैं। काम तो करते हैं, परन्तु देर से या बिगाड़ कर करते हैं। काम में गलतियां भी ऐसे व्यक्तियों से बहुत होती हैं। लिखेंगे कुछ लिखा जायेगा कुछ। स्वभाव ठीक न होने के कारण साथियों से भी मनमुटाव रहता है। अतः दफ्तर के काम में झंझट, रिपोर्ट खराब होना, बार-बार स्थानान्तरण आदि जोड़ की आयु तक होते हैं। भाग्य रेखा, मस्तिष्क रेखा में रुकी होने पर ऐसे व्यक्तियों के सामने अपने कार्य को सही प्रकार से नहीं करने के कारण विभागीय समस्याएं आती हैं। लापरवाही के कारण किये गये कामों के फलस्वरूप ये निलम्बित या बर्खास्त तक होते देखे जाते हैं । अतः इस प्रकार के व्यक्तियों को जब किसी जिम्मेदार जगह पर तैनात किया जाए तो इन्हें बहुत ध्यान देकर काम करना चाहिए। इनके हाथ से गलत काम हो जाना कोई बड़ी बात नहीं होती। ऐसे व्यक्ति की एक बात को कई बार पूछने की आदत 225 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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