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________________ है। हृदय रेखा में द्वीप, मस्तिष्क रेखा निर्दोष एवं शुक्र उन्नत नहीं हो तो निर्णय शक्ति तो निर्बल होती है, परन्तु इतनी नहीं, द्वीप की आयु में थोड़े समय के लिए घबराहट होती है, बाद में ठीक रहता है। द्वीपयुक्त हृदय रेखा होने पर बुध की उंगली का नाखून छोटा हो तो भी इस लक्षण में बहुत कमी हो जाती है। ऐसे व्यक्ति भावुक होने के साथ बुद्धिमान भी होते हैं, फिर भी इन्हें मानसिक ठेस अवश्य लगती है। हृदय रेखा की स्थिति उंगलियों से दूर हो तो उपरोक्त फल केवल एक चौथाई रहते हैं। चित्र-141 . हृदय रेखा में द्वीप होने पर जीवन व मस्तिष्क रेखा का जोड़ लम्बा, शुक्र उन्नत व मस्तिष्क रेखा में द्वीप हो तो व्यक्ति वहमी होते हैं। थोड़ी भी अप्रिय घटना होने पर बहुत दुःखी हो जाते हैं। ऐसे व्यक्ति दूसरों पर विश्वास अधिक करते हैं और उन पर निर्भर भी रहते हैं। तो उपरोक्त फल कवल - हृदय रेखा में बुध के नीचे द्वीप हृदय रेखा में सूर्य या बुध के नीचे द्वीप या अन्य कोई विशेष दोष हो तो व्यक्ति की आंखों में खराबी का लक्षण है (चित्र-142)। हृदय रेखा में बुध या सूर्य के नीचे कोई विशेष दोष देखने के बाद अन्य लक्षणों के द्वारा भी आंखों में बीमारी का निश्चय करना चाहिए, यदि मस्तिष्क रेखा में भी शनि के नीचे दोष हो तो इस विषय में कोई शंका नहीं रह जाती। हृदय रेखा में बुध या सूर्य के नीचे दोष होने पर शनि के नीचे मस्तिष्क रेखा में दोष हो तो आंखों में कोई न कोई रोग जैसे पानी आना, बाल होना, दु:खना आदि की बीमारियां होती हैं। बुध के नीचे दोष, व्यक्ति की पास की दृष्टि में दोष का लक्षण है। ये लक्षण 17-18 वर्ष की आयु से आरम्भ होते हैं। मस्तिष्क रेखा के आरम्भ में द्वीप होने पर जिगर - रोग का कारण, जीवन रेखा के आरम्भ व मस्तिष्क रेखा चित्र-142 में शनि के नीचे दोष होने पर, उदर रोग का कारण होता है। शुक्र उन्नत या मस्तिष्क रेखा में शनि के नीचे द्वीप या जीवन रेखा सीधी होने पर अति कामुकता, अधिक 210 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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