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क्रान्ति करते हैं। भाग्य रेखा में बड़ा द्वीप होने पर इन्हें मौत जैसी परिस्थिति से संघर्ष करना पड़ता है और ये घरेलू जीवन से लगभग ऊब जाते हैं। तत्पश्चात् बहुत उन्नति करते हैं और वंश की प्रतिष्ठा को चार चांद लगाने वाले होते हैं। इनमें भावुकता व प्रकृति प्रेम भी देखा जाता है। जीवन में जब तक सफलता नहीं मिलती, तो नहीं मिलती, परन्तु जब सफल होने का अवसर आता है तो स्वतः ही सफलता इनके कदम चूमती
ऐसे व्यक्ति पहले नौकरी, तत्पश्चात् स्वतन्त्र व्यवसाय करते हैं। व्यवहारिक होने के साथ-साथ ये स्पष्टवक्ता व अक्खड़ होते हैं। परन्तु परेशान शीघ्र हो जाते हैं। इनके मस्तिष्क में कोई प्रश्न आने पर जब तक वह प्रश्न हल नहीं हो जाता, तब तक मन अशान्त रहता है अर्थात् विशेष क्रियाशील होते हैं। ___ चमसाकार हाथ दो प्रकार के देखने में आते हैं। एक तो ऐसे, जिनकी चौड़ाई कलाई के पास अधिक होती है। दूसरे ऐसे हाथ होते हैं जो उंगलियों के पास चौड़े होते हैं और कलाई के पास चौड़ाई में कमी होती है। वैसे तो चमसाकार हाथ वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों अन्य खोज करने वाले व्यक्तियों तथा ऐसे व्यक्तियों के होते हैं, जो किसी न किसी प्रकार की विशेषता रखते हैं, परन्तु जो हाथ पीछे से चौड़े होते हैं उनका लाभ स्वयं को तथा उनके परिवार को होता है और जो हाथ उंगलियों के पास अर्थात् मध्य से चौड़े होते हैं, उनका लाभ स्वयं को तो होता ही है बल्कि मानव समाज के लिए विशेषतया होता है। ऐसे व्यक्तियों की खोज से सारा संसार लाभान्वित होता है।
___ चमसाकार हाथ में विषम संख्या सिद्धान्त लागू होता है अर्थात् साझीदारी, सन्तान, साले-साली आदि की संख्या 1,3,5,7,9 आदि होती है, सम नहीं। ऐसे व्यक्तियों की सन्तान का स्वभाव तेज होता है, तीसरा बच्चा बातूनी होता है। बच्चे होशियार होते हैं और कुछ समय इनसे अलग रहते हैं। सन्तान की शादी के पश्चात् इनकी पत्नी व सन्तान के विचार नहीं मिलते। बच्चे योग्य तो होते हैं, मगर अध्ययन में रूचि नहीं होती, खेल-कूद, आदि में अधिक रूचि लेते हैं। पढ़ाई में 1-2 वर्ष खराब करते हैं। किसी बच्चे को झुठ बोलने व चोरी करने की भी आदत हो जाती है। बच्चे घर से भागने की चेष्टा करते हैं या कुछ समय के लिए चले जाते हैं। हाथ अधिक पतला या काला होने पर ऐसे व्यक्तियों को सन्तान के विषय में विशेष परेशानी का सामना करना पड़ता है। आरम्भ में इनकी सन्तान ऐसी लगती है कि जैसे पेट भी नहीं भर सकेगी, परन्तु इसका उल्टा हो जाता है। चमसाकार हाथ वाले व्यक्ति जीवन के उत्तरार्द्ध में अधिक उन्नति करते हैं। पूर्वार्द्ध में इनका जीवन ज्वार भाटा जैसा परिवर्तनशील होता है, मानसिक शान्ति कम मिलती है। ऐसे व्यक्ति विचार व कार्य दोनों ही दृष्टि से क्रान्तिकारी होते हैं। देश के लिए क्रान्ति करने व जीवन की आहुति देने वाले व्यक्ति इसी प्रकार के होते हैं।
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