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★ रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान * चेदम (सिंथेटिक) माणिक्य।
सिंथेटिक माणिक्य दूधक में दूधिया रंग का न होकर नीला रंग का होता है। अत: वह घूमता नहीं दिखायी देता। नकली माणिक्य असली माणिक्य से अधिक चमकते हैं। रात्रि में तेज चमकता है।
एक्स किरण में असली व नकली माणिक्य दोनों ही एक समान चमकते हैं परन्तु एक्स किरणें हटा लेने पर नकली माणिक्य चमकता दिखायी देता है। जबकि असली की चमक कम हो जाती है।
माणिक्य का प्रयोग-वैसे माणिक्य का उपयोग ग्रह दोष शान्त्यार्थ अंगूठी रूप में धारण तो करते हैं साथ ही इसका उपयोग दवाई के रूप में क्षय रोग, उदर शूल, कोड़ा चोट, नुकसान, पक्षाघात, जहर प्रभाव, नेत्ररोग व कोहड इत्यादि को दूर करने के लिये भी करते हैं।
माणिक्य का उपरत्न लालड़ी माणिक्य का उपरत्न लालड़ी है।
पर्यायवाची शब्द-सं. सूर्य रत्न। हिन्दी लालड़ी। फारसी लाल। अंग्रेजी स्पाइनेल रेड (Spinal Red)
परिचय-लालड़ी, माणिक्य के अभाव में या जो व्यक्ति अधिक मूल्य के माणिक्य खरीद नहीं सकते उनके द्वारा पहना जाता है। लालड़ी गहरे सुर्ख लाल रंग का, रक्त वर्ण का, सिन्दूरी रंग की आभा के समान, आकर्षक स्वच्छ वर्ण वाला, गुलाब के फूल के रंग के समान, अनार की कली के समान, कषाय वर्ण के, गुलबास के समान सुर्ख श्याम वर्ण वाला तथा हल्के गुलाबी रंग का होता है।
लालड़ी के गुण-लालड़ी स्निग्ध, चमकदार, जलदार, शुद्र रंगवाली, हाथ में लेने के कुछ समय बाद गर्म का अनुभव, पानी में डालने पर लाल रंग की किरणें निकलती हुई दिखायी देना अतः दूध में रखने पर दूध का रंग लाल रंग का दिखायी देना, हाथ में लेने पर सामान्य से ज्यादा भारीपन मालूम देना।
लालड़ी के दोष१. धूमिल तथा अस्पष्ट रंग वाली लालड़ी प्राणनाशक व शरीर को
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