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________________ * रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान ★ ११३ टुमेलिन इस रत्न में विद्युत के गुण हैं। लाल रंग का यह रत्न माणिक्य की तरह होता है। हरा रंग पन्ने की तरह का होता है। इसको धारण करने से मनुष्य को भय नहीं होता और शान्त रहता है। इस रत्न की दूसरी विशेषता यह है कि कोई भी दुर्घटना आने से पहले यह रत्न स्वप्न में चेतावनी देता है। व्यापार में लाभ के लिए हरे रंग का टूर्मेलीन बहुत ही शुभ है। कार्नेलियन यह कैलसेडोनी रत्न-समूह का एक रत्न है जो लाल, पीले और सफेद रंग में पाया जाता है। कई बार दो या दो से ज्यादा रंग भी एक रत्न में मिलते हैं। पैगम्बर मुहम्मद साहब इस रत्न का प्रयोग किया करते थे और उनका यह उपदेश था कि इस रत्न को धारण करने वाला व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफल रहता है। प्राचीन काल में यह मान्यता थी कि इस रत्न को धारण करने वाले को कोई जादू-टोना नहीं कर सकता। कोई बुरी दृष्टि से नहीं देख सकता जिसको आज के समय में 'नजर लग जाना' कहते हैं। इस रत्न को धारण करने वाला हर प्रकार के रोग से बचा रहता है और प्लेग की बीमारी में तो इस रत्न का और भी अधिक महत्त्व रहता है। मार्बोडस इस रत्न को गले या अंगुली में धारण करने से क्रोध नहीं आता, घृणात्मक भावनाएँ दूर भागती हैं जबकि कैमिलस का कहना है कि यह रत्न बिजली और तूफान से रक्षा करता है। खून को विषाक्त होने से बचाता है। स्पेन में इस रत्न का प्रयोग साहस और आवाज बुलन्द करने के लिए किया जाता था। चीनी लोगों का कहना है कि इस रत्न को धारण करने से कभी पेट की बीमारी नहीं हो सकती। प्राचीन समय में ग्रीक देश की महिलाएँ इस रत्न को आभूषण के रूप Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001749
Book TitleRatna Upratna Nag Nagina Sampurna Gyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapil Mohan
PublisherRandhir Prakashan Haridwar
Publication Year2001
Total Pages194
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Astrology, & Occult
File Size10 MB
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