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★ रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान * रंग में पाया जाता है । यह मिस्र देश का राष्ट्रीय रत्न है। इस रत्न का अक्सर दूसरे हरे रंगों से धोखा हो जाता है क्योंकि यह एक पारदर्शक और साफ रत्न है। यह इतना मूल्यवान रत्न नहीं है जितना इस रत्न को देखकर भ्रम हो सकता है।
प्राचीन काल से ही लोग इस रत्न को भूत-प्रेत, जादू-टोने आदि से बचाव करने के लिए धारण करते रहे हैं। इंग्लैंड के सम्राट सप्तम एडवर्ड ने इस रत्न को ताबीज के रूप में धारण किया हुआ है।
ऐलेग्जैण्ड्राइट इस पारदर्शक उपरत्न की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें दो रंग होते हैं। सब रत्नों में सिर्फ यही एक ऐसा रत्न है जिसमें यह विशेषता पाई जाती है। अगर इस रत्न को सूर्य की रोशनी में देखा जाए तो यह रत्न पन्ने के हरे रंग की तरह हरा नजर आएगा, लेकिन रात को बिजली की रोशनी में बैंगनी या गहरे नीले रंग का नजर आएगा क्योंकि हरा और लाल रंग रूस देश के राष्ट्रीय रंग हैं । सन् १८३९ में जब रूस का युवराज २१ वर्ष का हुआ तब यह रत्न रूस में प्राप्त हुआ था और इस रत्न को युवराज के नाम से सुशोभित किया गया था। इसलिए अंग्रेजी में इस रत्न का नाम आज भी बडे "A" से लिखा जाता है।
अम्बर इस रत्न को कहरवा के नाम से भी जाना जाता है। यह अर्द्ध-पादर्शक रत्न खनिज पदार्थ नहीं है परन्तु फिर भी इसकी रत्नों में गिनती होती है। यह रत्न एक वृक्ष की गोंद से बनता है।
___ इस रत्न की विशेषता यह है कि इसको बच्चे के गले में धारण करने से जादू-टोने व भूत-प्रेत का असर नहीं होता। विषैली औषधियों आदि से यह रत्न रक्षा करता है। औषधि के रूप में इस रत्न के प्रयोग अनगिनत हैं। गले को ठण्ड लगने से बचाता है। इसके प्रयोग से घेघा जैसा रोग नहीं हो पाता।
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