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________________ ★ रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान ★ वैदूर्य या लहसुनिया यह रत्न सट्टा, जुआ, लॉटरी, घुड़दौड़ आदि में सफलता प्रदान कराता है। इस रत्न को धारण करने के बाद रात को भयानक स्वप्न नहीं आते । स्फटिक यह एक अपारदर्शक उपरत्न है जो जमे बर्फ की तरह साफ और सफेद होता है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य के सामने रखने पर इस रत्न में से निकली किरणों को शरीर पर डालने से आँखों सम्बन्धी प्रत्येक रोग में लाभ होता है । सार्डोनिक्स यह गहरे लाल - बादामी रंग का अल्पमोली रत्न है । अगर इसे गले में धारण कर लिया जाए तो सब प्रकार के दर्द व पीड़ा से छुटकारा प्राप्त होता है और आत्म-विश्वास को बढ़ाता है। मित्रों से लाभ व विवाह सम्बन्धी प्रसन्नता को निश्चित करता है। कानूनी कार्यों में सफलता प्रदान करता है तथा अनैतिक कार्यविधि से बचाता है । १११ क्राइसोलाइट यह पीले रंग का पारदर्शक अल्पमोली रत्न है । यह अन्य कई विभिन्न रंगों में मिलता है । प्राचीनकाल से लेकर आज तक यह रत्न दूर-दृष्टि और दिव्यदृष्टि के लिए धारण किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस रत्न को धारण करने से दैविक शक्ति प्राप्त होती है और मानसिक शान्ति भी प्राप्त होती है । उपरत्नों के Jain Education International समूह में पेरीडॉट यह एक सुन्दर रत्न है। यह एक ही स्वाभाविक For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001749
Book TitleRatna Upratna Nag Nagina Sampurna Gyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapil Mohan
PublisherRandhir Prakashan Haridwar
Publication Year2001
Total Pages194
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Astrology, & Occult
File Size10 MB
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