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________________ परिशिष्ट लोकाशाह की कृतियाँ _ 'चौतीस बोल' श्री सर्वज्ञाय नमः । जे इम कहइ छइं अम्हारइ नियुक्ति, चूर्णि, भाष्य, वृत्ति, प्रकरण सर्व प्रमाण, तेहाई एतला बोलं सहूं प्रमाण करवा पडसी ते पीछयो- निशीथ सूत्र नी चूर्णि मध्ये इम छइ जे कोई एक आचार्य घणां परिवार सूं अटवी मांहीं गयुं तहां घणां व्याघ्रादि देखी आचार्य इं कहूं- गच्छनइ राखवु स्वापदादि निवारवो, तिवारइ एकइं साधई कहिउं किम निवारीइ? तिवारई सूरि कह्यु- पहिलउ अविराध्य अबइ पछइ न रहै तउ विराध्यां पणि दोष नहीं। पछइ तेणइ ३ सिंह मार्या। पछइ गुरु पइं जई नई पूछंयुं, पछइ गुरु कहइ तुं शुद्ध। एवं आयरियादि कारणेसु वावादितो सुद्धो। सुद्ध शब्द नो अर्थ ए जेअप्रायश्चित्तीत्यर्थः॥१॥ ___ तथाकारणाइं झूलूं बोल कहिउ छइ तथा कारणइ चोरी करवी-ते करइ तउ शुद्ध। तथा वशीकरण मन्त्र चूर्णादि करी वस्तु लेवी तथा ताला उघाडी औषधादि अदत्त लेवा कहिया छइ।।२।। तथा कारणे परीग्रह राखवो कह्यो छइ, हिरण्य, द्रव्य, घटित अघटित मार्गइं चालतो ल्यइ (लेवे) ॥३॥ तथा उदार हिरण्य सुवर्णई करी ते दुर्लभ द्रव्य मोल लीयइ॥४॥ तथा दुर्लभ द्रव्य नइ अर्थइ सचित्त काई प्रवालादिक तेणई सचित्त पृथिव्यादिकई करी ते दुर्लभ द्रव्य मोल लियइ, इम कहियउ छइ।।५।। तथा अर्थ उपार्जवा नई अर्थई धातनी माटी आणि नई सोनू, रू', तांबूं, सीसूं, तरूष्यादिक उपजावतुं कर्वा छइ॥६॥ तथा कारणइं रात्रि भोजन कहिउं छइ। गिलान नइं कारणइं रात्रि भोजन करइ, तथा मारगई चालवू, रात्रइ जिमवू तथा दुर्लभ द्रव्य नइ अर्थई रात्रिं जीमइ तथा संथारूं कर्यु होइ-अनइ रही न सकइ तउ रात्रिं जीमवू तथा दुकालैं गच्छ नी अनुकम्पा नइ हेतइ-राती भत्ताणुण्णा-रात्रि भोजन् नी आज्ञा छइ- इत्यादि घणा प्रकार विरुद्ध छइ।।७।। तथा दसण प्रभावक शास्त्र तेह नी सिद्ध नइ अर्थे निर्णइ नै हेतई अणासरति अकल्पनीक हेतु शुद्धः - अप्रायश्चित्ती भवतीत्यर्थः।।८।। तथा तपस्वी नइ अर्थि उष्ण पेज्जादि (पेयादि) रंधावी लेवी, तालुं तवस्वी नइ सहइ नहीं ते भी आघाकर्म लेतां दोष नहीं।।९।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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