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________________ आचार्य हरजीस्वामी और उनकी परम्परा ४८३ वि० सं० १९९१ माघ सुदि त्रयोदशी को मन्दसौर में आप आचार्य श्री मन्नालालजी की सम्प्रदाय के युवाचार्य पद पर प्रतिष्ठित हुये। मुनि श्री नाथूलालजी आपका जन्म स्थान तारापुर था और आप मुनि श्री हजारीमलजी के शिष्यत्व में दीक्षित हुये थे। इसके अतिरिक्त आपके सम्बन्ध में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। मुनि श्री किशनलालजी आपका जन्म वि०सं० १९४४ में उदयपुर में हुआ। २५ वर्ष की अवस्था में वि० सं० १९६९ भाद्रपद शुक्ला पंचमी को आपने मुनि श्री चौथमलजी के शिष्यत्व में दीक्षा ग्रहण की। मुनि श्री प्यारचन्दजी आपका जन्म वि० सं० १९५२ में रतलाम में हुआ। १७ वर्ष की आयु में वि० सं० १९६९ फाल्गुन शुक्ला पंचमी को चित्तौड़गढ़ में आप दीक्षित हुये और मुनि श्री चौथमलजी के शिष्य कहलाये। आपने ‘लघुकौमुदी', 'सिद्धान्तकौमुदी', 'अमरकोष', 'हेम नाममाला', 'तर्क संग्रह', 'न्यायदीपिका', 'स्याद्वादमञ्जरी', 'नेमिनिर्वाण', 'मेघदूत', 'बाग्भटालङ्कार' आदि का गम्भीर अध्ययन किया था। आपने कई पुस्तकों की रचना भी है, किन्तु उनके नाम उपलब्ध नहीं हैं। आपके द्वारा व्याख्यायित प्राकृत व्याकरण आज भी लोकप्रिय है। वि०सं० १९९१ माघ सुदि त्रयोदशी को मन्दसौर में आपको ‘गणी' की पदवी से अलंकृत किया गया। मुनि श्री भेरुलालजी आपका जन्म वि० सं० १९५० में मेवाड़ के कोसीथल नामक ग्राम में हुआ। २५ वर्ष की अवस्था में मुनि श्री चौथमलजी के शिष्यत्व में वि०सं० १९७५ के ज्येष्ठ मास में आप दीक्षित हुये। मुनि श्री वृद्धिचन्दजी ___ आपका जन्म वि०सं० १९५४ में मेवाड़ में बड़ी सादड़ी में हुआ। २३ वर्ष की अवस्था में आप वि० सं० १९७७ मार्गशीर्ष वदि अष्टमी के दिन जोधपुर में आप मुनि श्री चौथमलजी के सान्निध्य में दीक्षित हुये। मुनि श्री नाथूलालजी (छोटे) आपका जन्म वि०सं० १९६२ में जोधपुर में हुआ। १६ वर्ष की अवस्था में वि०सं० १९७८ मार्गशीर्ष पूर्णिमा को पेटलावद में आप दीक्षित हुये। आपके दीक्षा गुरु मुनि श्री चौथमलजी थे। आप बहुत अच्छे व्याख्यानी सन्त थे। किन्तु दुर्भाग्यवश अनेक वर्षों तक संयम पालनकर संयममार्ग से च्युत हो गये। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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