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________________ और चौबीस तीर्थंकर स्तुति श्रीमती चरित्र आचार्य मनोहरदासजी और उनकी परम्परा 'भगवतीसूत्र, स्थानंगसूत्र और साधु गुणमाला साधु महिमा इलायचीकुमार का चरित्र प्रदेशी राजा का चरित्र बृहत्कल्पसूत्र आवश्यकसूत्र व संग्रहणीसूत्र सप्तकुव्यसन की सिज्झाय नेमराजुल की सिज्झाय वैराग्य बारहमासा कलयुग बत्तीसी दशवैकालिक व ऋषभदेव स्तुति अणुत्ववाई सूत्र भरत-बाहुबली संवाद प्रश्नोत्तर श्रावक के बारह व्रतों की सिज्झाय आरती सगर चरित्र, गतागति का थोकड़ा, मोक्षमार्गप्रकाश आत्महित सिज्झाय छमच्छरी निर्णय की प्रथम ढाल व गजसुकुमाल चरित्र छमच्छरी की दूसरी ढाल Jain Education International वि० सं० १८७९ "" "" वि० सं० १८८० वि०सं०१८८१ वि०सं० १८८२ वि०सं० १८८३ वि०सं० १८८५ वि०सं० १८८६ वि०सं० १८८६ वि०सं० १८८८ वि०सं० १८८८ वि०सं० १८९१ वि० सं० १८९३ " १८९६ वि०सं० १८९८ वि०सं० १८९९ वि०सं० १९०१ वि०सं० १९०२ For Private & Personal Use Only जयपुर सांगानेरी स्थानक ४४३ नारनौल, मिश्रबाड़ा व सबलुका नारनौल सिंघाणा लश्कर खेतड़ी दादरी बड़ौत आगरा (धुलियागंज) नारनौल अलवर लश्कर बीकानेर आगरा गोपाचलपुर (ग्वालियर) (मारवाड़) दिल्ली बिनौली आगरा (मोती कटरा) लश्कर आगरा (लोहामण्डी) www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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