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स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास का नाम श्रीमती श्रीमती प्यारीबाई तथा पिता का नाम श्री फकीरचन्द कांसवा है। २० फरवरी १९७७ को खाचरौंद में मुनि श्री सौभाग्यमलजी की नेश्राय में आप दीक्षित हुये।
१७. मुनि श्री लालचन्दजी - आपका जन्म राजगढ़ (मालवा) में हुआ। वि० सं० २००१ माघ सुदि पंचमी को खाचरौंद में आपने अपने दो पुत्र श्री मानमलजी
और श्री कानमलजी तथा एक पुत्री सुश्री मैनाकुमारी के साथ मुनि श्री सौभाग्यमलजी के श्री चरणों में दीक्षा ग्रहण की।
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