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स्थानकवासी जैन परम्परा का इतिहास रामपुरा, १९८९ -रतलाम, १९९०-जोधपुर, १९९१-पीपाड़, १९९२-पाली, १९९३-अजमेर, १९९४-उदयपुर, १९९५-अहमदनगर, १९९६-सतारां, १९९७गुलेदगढ़, १९९८-अहमदनगर, १९९९-लासलगाँव, २०००-उज्जैन, २००१जयपुर, २००२-जोधपुर, २००३-भोपालगढ़, २००४-अजमेर, २००५-ब्यावर, २००६-पाली, २००७-पीपाड़, २००८-मेड़ता सिटी, २००९-नागौर, २०१०जोधपुर, २०११-जयपुर, २०१२-अजमेर, २०१३-बीकानेर, २०१४-किशनगढ़, २०१५-दिल्ली, २०१६-जयपुर, २०१७-अजमेर, २०१८-जोधपर, २०१९सैलाना, २०२०-पीपाड़, २०२१-भोपालगढ़, २०२२-बालोतरा, २०२३अहमदाबाद, २०२४-जयपुर, २०२५-पाली, २०२६-नागौर, २०२७-मेड़ता सिटी, २०२८-जोधपुर, २०२९-कोसाना, २०३०-जयपुर, २०३१-सवाई माधोपुर, २०३२ब्यावर, २०३३-बालोतरा, २०३४-अजमेर, २०३५-इन्दौर, २०३६-जलगाँव, २०३७-मद्रास, २०३८-रायचूर, २०३९-जलगाँव, २०४०- जयपुर, २०४१जोधपुर, २०४२-भोपालगढ़, २०४३-पीपाड़, २०४४-अजमेर, २०४५-सवाई माधोपुर, २०४६-कोसाना, २०४७-पाली (अन्तिम)।
_आचार्य श्री की रचनाएँ (१) आगमिक साहित्यः टीका-व्याख्या-अनुवादः
'नन्दीसूत्र' (भाषा टीका सहित), 'प्रश्नव्याकरणसूत्र' (सटीक), 'वृहत्कल्पसूत्र' (संस्कृत टीका सहित), 'अन्तकृतदशासूत्र' (शब्दार्थ सहित), 'उत्तराध्ययनसूत्र' भाग१ से ३ (अर्थ, टिप्पणी एवं हिन्दी पद्यानुवाद); 'दशवैकालिकसूत्र' (अर्थ, विवेचन, टिप्पणी एवं हिन्दी पद्यानुवाद), 'तत्त्वार्थसूत्र' (पद्यानुवाद) अप्रकाशित। (२) ऐतिहासिक साहित्यः
'जैन धर्म का मौलिक इतिहास भाग १ से ४, “ऐतिहासिक काल के तीन तीर्थंकर', 'पट्टावली प्रबन्ध-संग्रह, 'जैन आचार्य चरितावली' (पद्यबद्ध) (३) प्रवचन, साहित्यः _ 'गजेन्द्र व्याख्यानमाला',भाग १ से ७, 'आध्यात्मिक आलोक' भाग १ से ४, 'आध्यात्मिक साधना' 'प्रार्थना प्रवचन' “गजेन्द्र मुक्तावली', भाग १ व २, 'विभिन्न चातुर्मासों के प्रवचन' (अप्रकाशित), 'मुक्तिसोपान' (अप्रकाशित) (४) काव्यः
'गजेन्द्र पद मुक्तावली' 'भजन', ‘पद चरित' आदि (अप्रकाशित)।
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