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________________ ३२३ १९८१ १९८२ १९८४ १९७१ जयपुर १९७४ मुंद्रा १९७६ १९९४ धर्मदासजी की परम्परा में उद्भूत गुजरात के सम्प्रदाय वि० सं० स्थान वि० सं० स्थान जेतपुर १९८० बढ़वाण कैम्प १९६४ थानगढ़ मोरवी १९६५ मोरवी बीकानेर १९६६ भोरारा १९८३ गुंदाला मांडवी १९६८ घोरांजी १९८५ अंजार १९६९ पालणपुर १९८६ बीकानेर सूरत १९८७ मोरवी कांदाबाड़ी (मुम्बई) १९८८ बीकानेर १९७२ घाटकोपर (मुम्बई) १९८९ १९७३ सूरत १९९० अलवर १९९१ अमृतसर १९७५ मांडवी १९९२ बलाचोर घोरांजी १९९३ दिल्ली १९७७ लीम्बड़ी आगरा १९७८ बीकानेर १९९५ अजमेर अहमदाबाद १९९६ घाटकोपर (मुंबई) मुनि श्री मेघजी स्वामी आपका जन्म समाधोधा (कच्छ) में हुआ और दीक्षा वि०सं० १९५३ में मांडवी में हुई। मुनि श्री हीराचन्द्रजी ___ आपका जन्म भचाउ (कच्छ) में हुआ। वि० सं० १९५३ माघ वदि त्रयोदशी को बांकानेर में आप दीक्षित हुये। पूर्व कच्छ के लाकडिया में वि० सं० २०१७ मार्गशीर्ष वदि अष्टमी को आपका स्वर्गवास हो गया। मुनि श्री दमाजी स्वामी मोरवी में आपने जन्म लिया। वि०सं० १९५३ में आप दीक्षित हुये। वि०सं० १९५९ में लीम्बड़ी में आप स्वर्गवास हुआ। मुनि श्री नथुजी स्वामी आपका जन्म लाकडिया में हुआ। वि०सं० १९५३ में अंजार में आप दीक्षित हुये। वि०सं० १९७३ में लाकडिया में आप स्वर्गवास हुआ। सदानन्दी मुनि श्री छोटेलालजी स्वामी वि०सं० १९४४ भाद्र पूर्णिमा को लीम्बड़ी में आपका जन्म हुआ। वि०सं० १९७९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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