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________________ ३१९ धर्मदासजी की परम्परा में उद्भूत गुजरात के सम्प्रदाय मुनि श्री. व्रजपालजी स्वामी आपका जन्म बांकी (कच्छ) में हुआ और अंजार में वि०सं० १९३४ में आप दीक्षित हुये। मुनि श्री माणकचन्द्रजी स्वामी (बड़े) वि०सं० १९३५ में आप अहमदाबाद में दीक्षित हुये और वि०सं० १९४० में स्वर्गस्थ हुये। जन्म-स्थान के विषय में जानकारी उपलब्ध नहीं है। मुनि श्री माणकचन्द्रजी स्वामी (छोटे) आपका जन्म रापर में हुआ। वि० सं० १९३६ माघ सदि द्वितीया को रापर में ही आप दीक्षित हुये। घोरांजी में वि० सं० १९५६ मार्गशीर्ष वदि में आपने स्वर्ग के लिए प्रयाण किया। मुनि श्री वीरजी स्वामी आपका जन्म भोरारा में हुआ। वि०सं० १९३६ माघ सुदि दशमी को अंजार में आपने आहती दीक्षा ली। वि०सं० २००१ चैत्र सुदि प्रतिपदा को रात्रि में जेतपुर में आपका स्वर्गवास हुआ। आप मुनि श्री गुलाबचन्दजी स्वामी के संसार पक्ष के भाई थे। मुनि श्री चतुरजी स्वामी सौराष्ट्र के सुदामडा में आपका जन्म हुआ। वि०सं० १९३८ चैत्र वदि द्वादशी को मुन्द्रा में आपने भागवती दीक्षा ली। वि०सं० १९७९ में लीम्बड़ी में आप स्वर्गस्थ हुये। मुनि श्री. जीवनजी स्वामी (छोटे) आपका जन्म लीम्बड़ी में हुआ। वि० सं० १९३८ चैत्र वदि द्वादशी को मुन्द्रा (कच्छ) में आपकी दीक्षा हुई। वि०सं० १९५५ फाल्गुन सुदि प्रतिपदा को लीम्बड़ी में आप स्वर्गस्थ हुये। मुनि श्री नागजी स्वामी लीम्बड़ी में वि०सं० १९२६ में आपका जन्म हुआ। वि०सं० १९३८ चैत्र वदि द्वादशी को मुन्द्रा में आप दीक्षित हुये। वि०सं० १९८४ माघ वदि चतुर्थी का लीम्बड़ी में आपका परलोकगमन हुआ। आप मुनि श्री जीवनजी स्वामी के सांसारिक पुत्र थे। मुनि श्री लाघाजी स्वामी (छोटे) __ सालारी में आपने जन्म लिया। वि०सं० १९३९ मार्गशीर्ष सुदि तृतीया दिन रविवार को घोलेरा में आप दीक्षित हुये। वि०सं० १९८३ जेतपुर में आपका स्वर्गवास हुआ। For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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