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________________ ३१७ धर्मदासजी की परम्परा में उद्भूत गुजरात के सम्प्रदाय मुनि श्री. नानचन्द्रजी स्वामी आपका जन्म रापर में हुआ। वि०सं० १९४० पौष सुदि एकादशी को मोरवी में आप स्वर्गस्थ हुये। मुनि श्री कानजी स्वामी (छोटे) गंदाला में आपने जन्म लिया। वि० सं० १९२२ मार्गशीष सदि द्वितीया को लीम्बड़ी में आप दीक्षित हुये। वि०सं० १९३६ मार्गशीर्ष वदि द्वितीया को मुन्द्रा (कच्छ) में आपका स्वर्गवास हुआ। मुनि श्री मावजी स्वामी आपके जीवन के विषय में कोई सूचना प्राप्त नहीं है। मुनि श्री रुगनाथजी स्वामी आपके विषय में भी सूचना उपलब्ध नहीं है। मुनि श्री नारायणजी स्वामी आप प्रागपर (कच्छ) के रहनेवाले थे। इसके अतिरिक्त अन्य सूचनाएँ उपलब्ध नहीं हैं। मुनि श्री गुलाबचन्दजी स्वामी मारवाड़ में आपने जन्म लिया। स्थान का नाम उपलब्ध नहीं है। वि०सं० १९२८ में आप दीक्षित हुये। मुनि श्री. पानचन्द्रजी स्वामी खेड़ा (गुजरात) आपका जन्म-स्थान है। वि०सं० १९२८ पौष पूर्णिमा के दिन आप दीक्षित हुये। वि०सं० १९४१ कार्तिक वदि त्रयोदशी को लीम्बड़ी में आप स्वर्गस्थ हुये। मुनि श्री उत्तमचन्द्रजी स्वामी __ आपका जन्म सूरत में हुआ। वि०सं० १९२८ चैत्र सुदि अष्टमी को सूरत में ही आप दीक्षित हुये। अहमदाबाद में वि०सं० १९७५ आश्विन वदि एकादशी को आपका स्वर्गगमन हुआ। मुनि श्री भोनजी स्वामी आपका जन्म बारोई (कच्छ) में हुआ। वि०सं० १९२९ माघ सुदि द्वादशी को मांडवी में आपने दीक्षा ग्रहण की। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
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