SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 233
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आचार्य लवजीऋषि और उनकी परम्परा २१५ मुनि श्री पद्मचन्दजी, मुनि श्री शांतिमुनिजी, मुनि श्री रामकुमारजी, मुनि श्री विनयमुनिजी, मुनि श्री जयमुनिजी, मुनि श्री नरेशमुनिजी, मुनि श्री सुन्दरमुनिजी, मुनि श्री राजेन्द्रमुनिजी और श्री राकेशमुनिजी। तपस्वी श्री बद्रीप्रसादजी आपका जन्म रोहतक के रिढ़ाना में वि०सं० १९६३ में हुआ। आपके पिताजी का नाम श्री गंगाराम जैन और माता का नाम श्रीमती चन्द्रावती था। श्रीमती भूलादेवी आपकी पत्नी थीं । पत्नी के स्वर्गस्थ हो जाने के पश्चात् दोनों पुत्रों के साथ (श्री प्रकाशचन्द की और श्री रामप्रसाद जी) वि० सं० २००१ माघ शुक्ला पंचमी को मुनि श्री मदनलालजी के कर-कमलों से आपने आहती दीक्षा ग्रहण की । मुनि श्री प्रकाशचन्दजी आपका जन्म वि०सं० १९८५ पौष कृष्णा षष्ठी को रिढ़ाना (रोहतक) में हुआ। आपके पिताजी का नाम श्री बद्रीप्रसादजी और माता का नाम श्रीमती भूलादेवी है। वि०सं० २००१ माघ शुक्ला पंचमी को आपने पिताजी के साथ दीक्षा ग्रहण की। आप आगमज्ञ एवं मितभाषी मुनि हैं। मुनि श्री रामप्रसादजी आपका जन्म वि०सं० १९८७ वैशाख शुक्ला द्वादशी को हुआ। आपके जन्म के पाँच दिन बाद ही आपकी माता का देहान्त हो गया। आप व्याकरण, न्याय व आगम के ज्ञाता हैं । आपके जन्म स्थान, माता-पिता और दीक्षा को मुनि. श्री प्रकाशचन्द के अनुसार जानें। मुनि श्री रामचन्दजी आपका जन्म वि० सं० १९६१ में सिरसिली (उ०प्र०) में हुआ। आपके पिता का नाम श्री केशरीमलजी जैन तथा माता का नाम श्रीमती मनोहरीदेवी था। आप गृहस्थ जीवन छोड़कर वि०सं० २००१ माघ शुक्ला पंचमी को दीक्षित हुए। सदर बाजार दिल्ली में आपने स्थिरवास प्रारम्भ कर दिया था। मुनि श्री प्रकाशमुनिजी आपका जन्म वि० सं० १९९६ (ई०सन् १९३९) श्रावण शुक्ला चतुर्थी को दिल्ली में हुआ। आपके पिता का नाम श्री पन्नालालजी भंसाली और माता का नाम श्रीमती चमेलीदेवी था । ई० सन् २ फरवरी १९५८ को दिल्ली में ही आपकी दीक्षा हुई। मुनि श्री. पामुनिजी आपका जन्म वि०सं० १९९७ (ई०सन् १९४०) में दिल्ली में हुआ। आपकी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001740
Book TitleSthanakvasi Jain Parampara ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain, Vijay Kumar
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2003
Total Pages616
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & religion
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy