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लोकाशाह और उनकी धर्मक्रान्ति है, चन्द्रकान्त मणि की, सूर्यकान्त मणि की, वैडूर्य की, पाषाण की, सप्तधातु की, काष्ठ की, लेप की अथवा चित्रित । इस सम्बन्ध में सैद्धान्तिक मान्यता आगम ग्रन्थों के आधार पर दिखाईये? (तात्पर्य है कि आगमों में कही भी ऐसा उल्लेख नहीं है कि प्रतिमा किस वस्तु की बनायी जाये )
२५. प्रतिमा की उपासना करनेवाले प्रतिमा की ८४ अशातना बताते हैं । यदि आगम में उन ८४ अशातनाओं का उल्लेख हो तभी प्रतिमा आराध्य मानी जा सकती है? आगम में कहीं भी प्रतिमा की ८४ अशातनाओं का उल्लेख नहीं है, अत: प्रतिमा आराध्य नहीं है, क्योंकि आगमों में आचार्य, उपाध्याय आदि की तैतीस अशातनायें कहीं हुई हैं, अत: वे आराध्य हैं, किन्तु आगमों में कहीं भी प्रतिमा की ८४ अशातनाओं का उल्लेख नहीं है, अत: वे आराध्य नहीं हैं। यदि आगम में कहीं हो तो दिखाईये?
२६. प्रतिमा, प्रासाद, दण्ड, ध्वज आदि की प्रतिष्ठा की जाती है लेकिन इस प्रतिष्ठा का आगम में कहाँ उल्लेख है? कहीं उल्लेख हो तो दिखायें । पुन: यह प्रतिष्ठा कौन करे- श्रावक करे या साधु करे? आंचलिकगच्छ के आचार्यों का कहना है कि प्रतिष्ठा श्रावक का कार्य है, जबकि दूसरे गच्छवाले कहते हैं कि प्रतिष्ठा करवाना महात्मा (यति) का कार्य है । सिद्धान्त अर्थात् आगम ग्रन्थों में किसका उल्लेख है ?
२७. दिगम्बर मुनि कहते हैं कि प्रतिमा नग्न बनानी चाहिए । श्वेताम्बर कहते हैं कि नग्न नहीं बनानी चाहिए। आगम ग्रन्थों में क्या कहा गया है? यदि कुछ कहा गया है, तो दिखाईये?
२८. तीर्थङ्कर जिस समय मोक्ष जाते हैं उस समय वे पर्यंकासन से, खड्गासन से अथवा शयनासन से जाते हैं । इनमें से किस आसन की प्रतिमा बनानी चाहिए ? आगम ग्रन्थों में कहीं इसका उल्लेख है, तो दिखाईये?
२९. इस बोल में लोकाशाह कहते हैं कि तीनों कालों में से प्रतिमा किस काल में पूजनी चाहिए? आगमों में कहीं उल्लेख हो तो दिखाईये?
__३०. लोकाशाह लिखते हैं कि प्रतिमा को पूजते समय फूल कहाँ चढ़ाना चाहिए? प्रतिमा पर या उसके समक्ष, धुले हुए वस्त्र पहन करके, स्वर्ण के नख लगा करके तथा स्वयं अपने हाथ से फूल तोड़ना चाहिए या माली द्वारा लाये हुये फूल ग्रहण करना चाहिए? आगमिकगच्छ के आचार्यों का कहना है कि सचित्त फूलों से प्रतिमा की पूजा नहीं करनी चाहिए। इन तीनों बातों के सम्बन्ध में आगम ग्रन्थों में क्या उल्लेख है? बताईये।
३१. चौबीस तीर्थङ्करों में किसको मूलनायक बनाना चाहिए। इनमें कौन बड़ा और कौन छोटा है? मूलनायक को आभूषण, नैवेद्य, फूल आदि अधिक चढ़ाये जाते हैं और दूसरी प्रतिमाओं को कम । ऐसा क्यों? मूलनायक की प्रतिमा स्वामी होकर बैठती है और
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