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________________ बीजरूप में अनन्त चतुष्टय सभी जीवों में स्वाभाविक गुण के रूप में विद्यमान है। मोक्षदशा में इनके अवरोधक कर्मों का क्षय हो जाने से यह पूर्णरूप से प्रकट हो जाते हैं । जैसे कि आठ कर्मों के क्षय से आठ गुण प्रकट होते हैं 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. ज्ञानावरणीय कर्म के नष्ट हो जाने से मुक्तात्मा अनन्त ज्ञान या पूर्णज्ञान से युक्त होता है। दर्शनावरण कर्म नष्ट हो जाने से अनन्तदर्शन प्रकट होता है । वेदनीय कर्म के क्षय हो जाने विशुद्ध अनश्वर आध्यात्मिक सुखों से युक्त होता है । मोहनीय कर्म के नष्ट हो जाने से यथार्थ दृष्टि से युक्त होता है। आयुकर्म के क्षय हो जाने से मुक्तात्मा अशरीरी होता है, अतः वह इन्द्रिय ग्राह्य नहीं होता । -- गोत्रकर्म के नष्ट हो जाने से वह अगुरुलघु होता है, अर्थात सभी सिद्ध समान होते हैं, उनमें छोटा-बडा या ऊंच-नीच का भेद नहीं होता । अन्तराय कर्म का प्रहाण हो जाने से आत्मा बाधा रहित होता है, अर्थात् अनन्त शक्ति सम्पन्न होता है। नाम कर्म का क्षय होने पर अरूपित्व गुण प्रकट होता है । आचार्य नेमिचन्द्र के अनुसार 'सिद्धों के इन गुणों का विधान मात्र सिद्धान्त के स्वरूप के सम्बन्ध में जो एकान्तिक मान्यताएं हैं, उनके निषेध के लिए है । ' Jain Education International जैसे कि मुक्तात्मा में केवलज्ञान और केवलदर्शन के रूप में ज्ञानोपयोग और दर्शनोपयोग को स्वीकार करके मुक्तात्मा को जड़ मानने वाली वैभाषिकबौद्धों और न्याय वैशेषिकों की धारणा का प्रतिषेध किया गया । मुक्तात्मा के अस्तित्त्व या अक्षयता को स्वीकार कर अभावात्मक रूप में मानने वाले जड़वादी तथा सौत्रान्तिक बौद्धों की मान्यता का निरसन किया है 1 विशेष्यावश्यकभाष्य में प्रभास जी ने शंका की कि- मुक्तात्मा ज्ञानी नहीं, बल्कि अज्ञानी है, क्योंकि आकाश के समान उसमें भी ज्ञान साधन इन्द्रियों (कारण) का अभाव है । जैन, बौद्ध और गीता के आ.द. का तुलनात्मक अध्ययन, डा. सागरमल जी जैन, पृ. 422 339 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001737
Book TitleVishevashyakBhasya ke Gandharwad evam Nihnavavada ki Darshanik Samasyaye evam Samadhan Ek Anushila
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVichakshansree
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2006
Total Pages534
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size9 MB
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