________________ लेखक-परिचय श्री विश्वनाथ पाठक का जन्म सन् 1931 ई० में ग्राम पठकौली, पो० मुस्तफाबाद, जि० फैजाबाद ( उ० प्र०) में हुआ। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा उर्दू में हुई। तत्पश्चात् आपने आगरा विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम० ए० तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी से साहित्या चार्य और प्राकृताचार्य की उपाधियाँ ग्रहण की। आपने हिन्दी, संस्कृत, प्राकृत, पालि और अपभ्रंश भाषाओं के साहित्य का गहन अध्ययन किया है / मात्र यही नहीं आपको उर्दू, बंगला, गजराती और अंग्रेजी भाषाओं का भी ज्ञान है। अल्पवय में ही आपने हिन्दी में काव्य-रचना प्रारम्भ की। आपने 'रणचण्डी' (खण्डकाव्य), 'सर्वमङ्गला' (महाकाव्य) की रचना की। इसके अतिरिक्त विभिन्न पत्रों एवं पत्रिकाओं में भी आपकी कविताएँ एवं लेख प्रकाशित हुए हैं। 'घर कै कथा' (अवधी) और 'कबीरशतकम्' (संस्कृत) आपकी अप्रकाशित रचनाएं हैं। आपने 'वज्जालग्ग' तथा 'गाहासत्तसई' जैसे प्राकृत ग्रन्थों का हिन्दी अनुवाद भी किया है। सम्प्रति आप हो त्रि० इण्टर कालेज, टाँडा (फैजाबाद) में संस्कृत के प्रवक्ता हैं। Education International For Private & Personal Use Only