________________
हिन्दी अनुवाद-अ. ३, पा. १
णिलक्कइ । रम्भइ । णिइ। णिवहइ। विकल्पपक्षमें-गच्छ। पर हम्मइ, णिहम्मइ, आहम्मइ, इत्यादि रूप मात्र, 'हम्म गतौ' मेंसे हम्म् धातुके होंगे ।। ९७ ।। प्रत्यागमागमाभ्यागमां पल्लोट्टाहिपच्चुओम्मच्छाः ॥ ९८ ॥
प्रत्यागम्, आगम् और अभ्यागम् धातुओंको यथाक्रम, पल्लोह, अहिपच्चुअ, उम्मच्छ ऐसे आदेश विकल्पसे होते हैं। उदा.-पलोट्टइ, पञ्चागमइ, प्रत्यागच्छति । अहिपच्चुअइ, आअच्छइ, आगच्छति । उम्मच्छइ, अब्भागच्छइ, अभ्यागच्छति ॥ ९८॥ रिहरिग्गौ प्रविशेः ॥ ९९ ।।
प्रविशति धातुको रिह और रिग्ग ऐसे आदेश विकल्पसे होते हैं। उदा.-रिहइ । रिग्गइ । (विकल्पपक्षमे)-पविसइ ।। ९९ ।। संगमोऽभिडः ।। १०० ॥
___संगच्छति धातुको अभिड ऐसा आदेश विकल्पसे होता है। उदा.अभिडइ । (विकल्पपक्षमें)-संगच्छइ ।। १०० ॥ डिप्पणिड्डुहौ विगलेः ।। १०१ ।।
वि (उपसर्ग) पीछे होनेवाले गलति धातुको डिप्प, णिड्डुह ऐसे आदेश विकल्पसे होते हैं। उदा.-डिप्पइ । गिड्डहइ। विकल्पपक्षमें-विगलइ ॥ १०१॥ णिवहणिरिणासणिरिणिज्जरोश्चचड्डाः पिषेः ।। १०२ ।।
_ 'पिष्ल संचूर्णने मेंसे पिष् धातुको णिवह, णिरिणास, णिरिणिज्ज, रोच्च, चड्ड ऐसे पाँच आदेश विकल्पसे होते हैं। उदा.-णिवहइ । णिरिणासइ । णिरिणिज्जइ । रोञ्चइ । चड्डुइ । विकल्पपक्षमें-पिसइ ।।१०२।। वलेवम्फः।। १०३ ॥
वलति धातुको वम्फ ऐसा आदेश विकल्पसे होता है। उदा.-वम्फइ । (विकल्पपक्षमें)-वलइ ।। १०३ ।।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org