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________________ हिन्दी अनुवाद-अ. ३, पा. १ णिहर आक्रन्देः ॥ ६५ ।। आ (आङ्) (उपसर्ग) पीछे होनेवाले क्रन्द् (क्रान्दि) धातुको णिहर ऐसा आदेश विकल्पसे होता है। उदा.- णिहरइ । (विकल्पपक्षमें)-अक्कन्द इ ओअन्दोदालो छिदेराङा ।। ६६ ।।। __'छिदिर् द्वैधीकरणे' मेंसे छिद् (छिदि) धातुको आ (आङ् ) इस (उपसर्ग)के साथ ओअन्द, उद्दाल ऐसे आदेश विकल्पसे होते हैं । उदा.ओअन्द६ । उद्दालइ । (विकल्पपक्षमे)- अच्छिन्दइ ॥ ६६ ॥ गिल्लूर लूणिचरणिच्छल्लदुहावणिज्झोडाः ।। ६७ ।। (इस सूत्रमें ३.१.६६ से) छिदेः पदकी अनुवृत्ति है। छिद् धातुको णिल्लूर, लूर, णिव्बर, णिच्छल्ल, दुहाव,णिज्झोड ऐसे छः आदेश विकल्पसे होते हैं। उदा.-णिल्लूरइ । टूरइ । णिव्यरइ । णिच्छल्लइ । दुहावइ । णिज्झोडइ। विकल्पपक्षमें छिन्दइ ।। ६७ ।। अट्टः क्वथेः ॥ ६८॥ 'क्कथ निष्पाके मेंसे कथ् धातुको अट्ट ऐसा आदेश विकल्पसे होता है। उदा. अट्टइ। विकल्पपक्षमें-कढइ ॥ ६८ ।। कथेर्वज्जरपज्जरसग्धसाससाहचवजप्पपिसुणबोल्लोव्वालाः ॥६९ ।। कथयति धातुको वज्जर, पज्जर, सग्घ, सास, चव, जप्प, पिसुण, बोल्ल, उव्वाल ऐसे दस आदेश विकल्पसे होते हैं। उदा.-वज्जरइ । पज्जरइ। सग्घइ। सासइ। साहइ । चवइ । जप्पइ। पिसुणइ । बोल्लइ । उव्वालइ । विकल्पपक्षमें-कहइ ॥ ६९ ॥ दुःखे णिव्वरः ॥ ७० ॥ दुःख विषय होनेवाले कथयति धातुको णिव्वर ऐसा आदेश विकल्पसे होता है। उदा.-णिन्वरइ, दुःखं कथयति, ऐसा अर्थ ॥७० ।। त्रि.वि....१३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001735
Book TitlePrakritshabdanushasanam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTrivikram
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
Publication Year1973
Total Pages360
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size19 MB
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