________________ हिन्दी अनुवाद-अ. 2, पा. 1 (109) जंघालुओ (110) जंघामओ दृत / जंघा शब्दके आगे शीघ्र अर्थमें लुअ और मअ आगये। (111) बलामोडी बलात्कार / बलात् मुख्यते यत्र / (112) चक्कलं परिवर्तुलम् / चक्र शब्दके आगे ल आगया / (113) बाउल्ली पुत्रिका (यानी) कुमारीकी क्रीडाके योग्य ऐसी गुढिया। कुमारीः व्यापारयति इति / व्यापृ धातुके आगे डुलि (हित् उलि) प्रत्यय आगया। (114) मत्तवालो मत्तः। (मत्त के आगे) स्वार्थे वाल प्रत्यय आया। (115) बहुणिआ (यानी) ज्येष्ठभाईकी भायो / वधू शब्दके आगे कहे हुए अर्थ में णिआ प्रत्यय आगया। (116) जंभणभणो स्वर भाषण करनेवाला / यद्वा तद्वा भणति अधिक इति / आदि और तृतीय वर्णके आगे अनुस्वार आया और त् का लोप हुआ। (117) भाइरो भेज्जलो भेज्जो। (118) ओज्जरो भीरुः (यानी) डरपोक / भी धातुके आगे शील अर्थमें डाइर, डेज्जल डेज्ज (डित् आइर,एज्जल, एज्ज) प्रत्यय आये / (ओज्जर)-त्रस् धातुका आदेश जो ओज्ज,उसके आगे र आगया / (119) आहडं सीत्कार / आहरति आदत्ते प्रिय हृदयं इति / आहृ धातुके आगे ड आया / (१२०)काअपिउला कोकिला / काकः पितृवत् पोषको यस्याः इस अर्थमें (पितृवत् कौआ जिसका पोषक है) काकपितृ शब्दके आगे ला आगया / (121) मुहलं मुख / (मुख शब्दके आगे) स्वार्थे ल प्रत्यय आगया। (122) गत्तडी गायिका। गात्री शब्दके आगे स्वार्थे डडी (डितू अडी) प्रत्यय आया। (123) दुद्दोलणा, दुग्धा अपि या दुह्यते गौः इति, इस अर्थमें दुग्ध शब्दके आगे दोलणा शब्द आया। (124) मा भाइ अभय / मा के आगे होनेवाले भी धातुके भा आदेशके आगे इ आया। (125) तोमरिओ शस्त्रप्रमार्जकः (यानी) शस्त्र साफ करनेवाला | तोमर शब्दके आगे कहे हए अर्थ में डिक (डित् इक) प्रत्यय आगया (126) वहुहाडिणी, वध्वा उपरि परिणीयते इति / वधू शब्दके आगे कहे हुए अर्थमें हाडिणी शब्द आया / (127) रुअरुइआ उत्कलिका (यानी) उत्कण्ठा / रुहरुहिका शब्दमें दो हकारोंका लोप हुआ(१२८) पिउसिआ पिउच्छा पितृष्वसा (बुआ)। पितृ शब्दके आगे होनेवाले स्वसृ शब्दके सिआ और च्छ होगये। (129) पुप्फी / पितृ शब्दके आगे होनेवाले स्वस का फी हुआ। (13.) अणुसूआ आसन्न प्रसवा / अनुसति शब्दके आगे आसन्नप्रसव अर्थमें डा (डित् आ) आगया। (131) भच्चो भगिनीसुतः / भगिनी शब्दको भ ऐसा आदेश होकर, बहेनका पुत्र इस अर्थमें Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org