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१२
| मूल बंध हेतु | ५
द्वार मिथ्यात्व हेतु ५
द्वार ३७ । अविरति हेतु | १२
द्वार कवाय हेतु २५ द्वार योग हेतु १३ द्वार समुच्चय हेतु ५५
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४४
समुच्चय कर्म बंध ज्ञानावरणीय बंध द्वार दर्शनावरणी बंध द्वार वेदनीय बंध २ द्वार मोहनीय बंध | २६
२
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४६
६
द्वार
आयुबंध
४
द्वार
I४०३६
३२३
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४९ ५०
नाम बंध ६४ द्वार गोत्रबंध द्वार |२ अन्तराय ५ बंध द्वार
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परिशिष्ठ-१........{478}