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________________ अध्याय 6 प्राकृत और संस्कृत के अन्य प्रमुख ग्रन्थों में गुणस्थान पूर्वधरकृत जीवसमास में गुणस्थान। उमास्वाति के प्रशमरति प्रकरण में गुणस्थान चर्चा का अभाव। * सिद्धसेन दिवाकर कृतियों में गुणस्थान चर्चा का अभाव। समन्तभद्र के आप्तमीमांसा आदि ग्रन्थों में गुणस्थान चर्चा का प्रायः अभाव। स्वामी कार्तिकेय की कार्तिकेयानुप्रेक्षा में गुणश्रेणी की अवधारणा। योगिन्दुदेव के योगसार में गुणस्थान । आचार्य हरिभद्र के प्रमुख ग्रन्थों में गुणस्थान सम्बन्धी विवेचन। आचार्य शुभचन्द्र के ज्ञानावर्ण में गुणस्थान। गुणभद्र का आत्मानुशासन और गुणस्थान। आचार्य हेमचन्द्र के ग्रन्थों में गुणस्थान चर्चा का प्रायः अनुल्लेख। नेमिचन्द्रसूरि के प्रवचनसारोद्धार में गुणस्थान विवेचन। नरेन्द्रसेन का सिद्धान्तसार और गुणस्थान। विनयविजय कृत लोकप्रकाश में गुणस्थान सम्बन्धी विवेचन। राजेन्द्रसूरि कृत अभिधानराजेन्द्रकोष और गुणस्थान सिद्धान्त। जिनेन्द्रवर्णीकृत जैनेन्द्र सिद्धान्तकोष और गुणस्थान। आचार्य देवेन्द्रमुनिजीकृत कर्मविज्ञान में गुणस्थान सिद्धान्त। For PPI www.jminelibrary.org Jeducation International
SR No.001733
Book TitlePrakrit evam Sanskrit Sahitya me Gunsthan ki Avadharana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshankalashreeji
PublisherRajrajendra Prakashan Trust Mohankheda MP
Publication Year2007
Total Pages566
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Soul, & Spiritual
File Size20 MB
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