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________________ समत्वयोग : साधक, साध्य और साधना १३३ निराकरण की कहानी है।" इस प्रकार हम देखते हैं कि चैतसिक, दैहिक और सामाजिक स्तर पर समत्व की स्थापना करना ही समत्वयोग का साध्य है। जहाँ तक समत्वयोग की साधना का प्रश्न है, समत्वयोग की साधक आत्मा है और आत्मा समत्वरूप ही है। भगवतीसूत्र में गौतम ने यह प्रश्न उपस्थित किया कि आत्मा क्या है और आत्मा का साध्य क्या है? इसका उत्तर देते हुए भगवान महावीर ने कहा कि आत्मा समत्व रूप है और समत्व को प्राप्त करना ही आत्मा का साध्य है। इस प्रकार जैन परम्परा में साध्य और साधक दोनों में एक अपेक्षा से अभेद माना गया है। जिस प्रकार दैहिक स्तर पर स्वस्थता साध्य भी है और साधक का स्वभाव लक्षण भी है; उसी प्रकार आध्यात्मिक स्तर पर समत्व आत्मा का साध्य भी है और वही समत्व आत्मा का स्वभाव भी है। स्वास्थ्य कोई बाह्य वस्तु नहीं। वस्तुतः वह बीमारी या विकृति का अभाव है। उसी प्रकार समत्व भी आत्मा से बाह्य कोई उपलब्धि नहीं है। वह तो इच्छा और वासनाजन्य विकारों के समाप्त झेने पर प्राप्त होता है। जिस प्रकार स्वस्थता शरीर की प्रकृति है और बीमारी विकृति है, उसी प्रकार समत्व या समभाव चेतना की प्रकति है और विषमता या विभाव उसकी विकृति है। विकृतियों या विभाव के जाने पर ही स्वभाव की उपलब्धि होती है। अतः समत्वयोग की साधना का मूल लक्ष्य आत्मा की वैभाविक अवस्था को समाप्त करना है। स्वभाव पाया नहीं जाता है। वह विभाव के हटने पर स्वतः प्रकट होता है। समत्वरूपी साध्य कोई ऐसी वस्तु नहीं है कि उसे बाहर से प्राप्त किया जाये। वह तो हमारे स्वभाव का ही अंग है। इस प्रकार समत्वयोग में साध्य और साधक का निश्चयदृष्टि से अभेद है। किन्तु साध्य और साधक के इस अभेद का यह अर्थ नहीं है कि व्यवहार के स्तर पर ही उनमें अभेद माना जावे; क्योंकि साध्य और साधक के व्यवहार के स्तर पर भी अभेद मानेंगे, तो साधना 'जैन बौद्ध और गीता के आचार दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन' भा. १ पृ. ४०८ । __ भगवतीसूत्र १/६ । -डॉ. सागरमल जैन । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001732
Book TitleJain Darshan me Samatvayog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyvandanashreeji
PublisherPrem Sulochan Prakashan Peddtumbalam AP
Publication Year2007
Total Pages434
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, Yoga, & Principle
File Size7 MB
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