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________________ अलंकारचिन्तामणि तृतीय परिच्छेद ९७-११० वक्रोक्ति अलंकारका लक्षण ९७, उदाहरण ९७, अनुप्रासका लक्षण ९८, उदाहरण ९८, अनुप्रासके भेद ९८, लाटानुप्रासका उदाहरण ९९, छेकानुप्रास का उदाहरण ९९, उदाहरण ९९, वृत्त्यनुप्रासका लक्षण १००, उदाहरण १००, अनुप्रास और यमकालंकार में भेद १००, यमकालंकारका लक्षण १००, यमकालंकारके प्रमुख भेद १०१ । चतुर्थ परिच्छेद .... १११-२२३ अलंकारका लक्षण १११, गुण और अलंकारमें भेद १११, अलंकारके भेद १११, अर्थालंकारोंके भेदोंका निर्देश १११, अलंकारोंमें प्रतीयमानकी व्यवस्था ११२, साधर्म्यके भेद ११३, सादृश्यभेद की व्यवस्था ११३, अलंकारोंके मूलत्वका निरूपण ११४, अलंकारोंमें परस्पर भेद : परिणाम और रूपकमें भेद ११४, उल्लेख और रूपकमें भेद ११४,भ्रान्तिमान्, अपह्नति और सन्देहमें अन्तर ११५, उपमा अनन्वय और उपमेयोपमा अन्तर ११५, उपमेयोपमा और प्रतिवस्तूपमामें अन्तर ११५, प्रतिवस्तूपमा और दृष्टान्तमें परस्पर भेद ११५, दीपक और तुल्ययोगितामें परस्पर अन्तर ११६, उत्प्रेक्षा और उपमामें अन्तर ११६, उपमा और श्लेषमें अन्तर ११६, उपमा और अनन्वयमें अन्तर ११६, उपमा और उपमेयोपमामें विभिन्नता ११६, समासोक्ति और अप्रस्तुत प्रशंसामें अन्तर ११७,पर्यायोक्ति और अप्रस्तुत प्रशंसामें भिन्नता ११७, अनुमान और काव्यलिंगमें भिन्नता ११७, सामान्य और मिलन अलंकारमें भिन्नता ११७, उदात्त और परिसंख्या अलंकारमें भेद ११८, समाधि और समुच्चय अलंकारमें भेद ११८, व्याजस्तुति और अपह नुतिमें भेद ११८, मीलन, सामान्य और व्याजोक्तिको व्यवस्था ११८, अलंकार चिन्तामणिके अनुसार अलंकार ११९, उपमालंकारका लक्षण १२०, उपमाका उदाहरण १२१, श्लेष और उपमाके स्पष्टीकरणका उदाहरण १२१, उदाहरण १२२, उदाहरण १२३, उपमाके भेद १२४, पूर्णोपमाका लक्षण १२४, लुप्तोपमाका लक्षण १२४, पूर्णोपमाके भेद १२५, श्रौती और आर्थीके लक्षण १२५, पूर्णोपमाके भेदोंका निरूपण १२५, वाक्यगता श्रौती उपमाका उदाहरण १२५, श्रौती समासगताका उदाहरण १२५, तद्धितगता श्रौती उपमाका उदाहरण १२६, वाक्यगता आर्थो पूर्णोपमाका उदाहरण १२६, समासगता आर्थी पूर्णोषमाका उदाहरण १२६, तद्धितगता आर्थी पूर्णोपमाका उदाहरण १२६, वाक्यगता अनुक्तधर्मा श्रौती लुप्तोपमाका उदाहरण १२७, समासगता अनुक्तधर्मा श्रौती लुप्तोपमाका उदाहरण १२७, वाक्यगता अनुक्तधर्मा आर्थी लुप्तोपमाका उदाहरण १२७, समासगता अनुक्तधर्मा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001726
Book TitleAlankar Chintamani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjitsen Mahakavi, Nemichandra Siddhant Chakravarti
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1944
Total Pages486
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Kavya
File Size25 MB
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