SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 405
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३०८ [५।३०८ अलंकारचिन्तामणिः पठद्बन्दिकुलाकोणं चलच्चामरसंचयम् । विनमद्भपसंघटुं निधोशास्थानमाबभौ ॥३०८॥ 'उदात्तत्वमौदार्येऽन्तर्भवति वाग्भटाद्यपेक्षया। चाटूक्तैः प्रियतरः प्रोक्तः प्रेयानित्युच्यते यथा । पारुष्यस्य च दोषस्य परिहाराय स स्मृतः ॥३०९॥ कारुण्यं त्वयि धीरता त्वयि शमस्त्वय्युत्तमत्वं त्वयि प्रागल्भ्यं त्वयि धीरता त्वयि महैश्वर्यत्वयि प्राभवम् । गाम्भीर्य त्वयि सत्कला त्वयि यश स्त्वय्युत्तमत्वं त्वयि क्षेमं श्रीस्त्वयि चक्रभृद्भवमिमां रारक्ष्यतां ब्रह्मवत् ॥३१०॥ संक्षिप्यार्थो निरूप्येत यत्र संक्षेप उच्यते । 'कुरुवंशोद्भवाज्जाता बहवो भूमिपाः पुरा। तेषां सौभाग्यसंदी ज्ञानचन्द्रो विभात्ययम् ॥३१॥ इति गुणप्रकरणम् स्तुति पाठ करते हुए चारणोंसे व्याप्त, ढुलते हुए चामरोंकी राशिसे भरपूर और झुकते राजाओंके समूहवाला चक्रवर्ती भरतका सभामण्डप सुशोभित हुआ ॥३०८॥ ... औदार्यमें उदात्तताका अन्तर्भाव है, यह वाग्भटका मत है। (२३) प्रेयान् —अत्यन्त अनुनयमय वचनोंसे जहां कोई प्रिय पदार्थ प्रतिपादित हुआ हो वहाँ प्रेयान्गुण पारुष्य नामक दोषको दूर करनेके लिए माना गया है ॥३०९।। तुझमें करुणा, धीरता, शान्ति, उत्तमता, धृष्टता, श्रेष्ठता, ऐश्वर्य, सामर्थ्य, गम्भीरता, उत्तमकला, यश, सर्वोत्तमता, क्षेम, लक्ष्मी इत्यादि सब कुछ विद्यमान है। अतएव हे चक्रवर्तिन् ! ब्रह्मके समान इस पृथ्वीको बार-बार रक्षा कीजिए ॥३१०॥ (२४) संक्षेपक-जहाँ किसी अभिप्रायको बहुत संक्षेपसे कहा जाये वहां संक्षेप नामका गुण होता है। जैसे—पहले पुरुकुलमें बहुत राजा हुए। उनमें अन्यन्त भाग्यशाली यह ज्ञानचन्द्र विशेष शोभित हो रहा है ॥३११॥ गुण प्रकरण समाप्त । १-२. उदात्तप्रभृति स्मृतः पर्यन्तं-खप्रतो नास्ति । ४. गुरुवंशोद्भवा जाता-ख । ५. सन्दशि-ख । ३. यशस्त्वय्युन्नतत्वम्-क-ख । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001726
Book TitleAlankar Chintamani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAjitsen Mahakavi, Nemichandra Siddhant Chakravarti
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1944
Total Pages486
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Kavya
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy