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________________ ६. विमल का उत्थान : देवदर्शन [ स्वभाव से नि:स्पृह, दाक्षिण्यवान और महासत्त्ववान विमलकुमार का परिचय रत्नचूड विद्याधर को हुआ। रत्नचूड ने राजकुमार को पहचाना, उसकी निःस्पृह वृत्ति का स्वयं अनुभव किया और उसके विशाल हृदय की निर्लोभ वृत्ति का प्रत्यक्ष साक्षात्कार किया। ] __ मुझसे कुमार का परिचय सुनकर रत्नच्ड अपने मन में विचार करने लगा कि इसे भगवान् की प्रतिमा का दर्शन कराना चाहिये । मुझे लग रहा है कि भगवान् की प्रतिमा के दर्शन से इस पर महानतम उपकार होगा और प्रत्युपकार करने का मेरे मन में जो मनोरथ है वह भी पूर्ण होगा। क्रीडानन्दन वन में युगादीश प्रासाद उपरोक्त विचार करने के पश्चात् रत्नचूड और मैं कुमार के पास आये और रत्नचूड ने विमल से कहा*--मित्र कुमार ! कुछ समय पूर्व मेरे मातामह (नाना) मणिप्रभ इस उद्यान में आये थे तब उन्हें यह क्रीडानन्दन वन अत्यन्त कमनीय प्रतीत हुअा था। उद्यान की प्राकृतिक छटा से हर्षित होकर उन्होंने विद्याधरों के आने के लिये यहाँ एक अद्भुत सुन्दर और विशाल मन्दिर का निर्माण करवाया और उसमें युगादिदेव श्री आदिनाथ देव के बिम्ब को प्रतिष्ठित किया था। (स्थापना की)। इसीलिए मैं इस उद्यान में पहले भी कई बार आया हूँ। यह मन्दिर और बिम्ब अतिशय सुन्दर है, आप भी इसे देखने की कृपा करें। विमल बोला- जैसी मित्र की इच्छा । उत्तर सुनकर रत्नचूड हर्षित हुआ । हम सब भगवान् के मन्दिर की तरफ गये और देव-प्रासाद को देखा। यह मन्दिर स्वच्छ स्फटिक रत्न की कान्तिवाला, सोने से मढा हुया, शरद् ऋतु में विद्युत्वलय की चमक से घिरे बादलों के समान शोभित हो रहा था । हीरे, रत्न और माणक-मणियों के तेज से अन्धकार दूर हो रहा था और उनका प्रकाश दूर से ही दिखाई दे रहा था। [२०२-२०३] दैदीप्यमान अत्यन्त स्वच्छ और निर्मल स्फटिक मणियों से निर्मित प्रांगन (फर्श) और सोने के स्तम्भ विशाल प्रासाद को रमणीय बना रहे थे। स्तम्भों पर जड़े हुए लाल प्रवाल की किरणों से लटकती हुई मोतियों की मालायें * पृष्ठ ४८५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001725
Book TitleUpmiti Bhav Prakasha Katha Part 1 and 2
Original Sutra AuthorSiddharshi Gani
AuthorVinaysagar
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1985
Total Pages1222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Story
File Size23 MB
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