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प्रस्ताव ४ : विवेक पर्वत से अवलोकन
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दुर्मुख और विकथा
___ मामा-भाणेज ने दूसरी तरफ देखा कि एक पुरुष खड़ा है, उसके पास में राजा के पुरुष खड़े हैं। क्रूर राजपुरुष उस व्यक्ति की जीभ खींच कर उसके मुंह में तपाया हया तांबा उंडेल रहे हैं। ऐसे भयंकरतम दृश्य को देखकर प्रकर्ष के मन में अतिशय ग्लानि हुई।
उपरोक्त दृश्य देखकर दया से व्याप्त चित्त वाला प्रकर्ष बोला---अहो मामा ! ये राजपुरुष निघृण होकर इस व्यक्ति को किसलिये इतनी भयंकर पीडा दे रहे हैं। [५७-५८]
विमर्श-मानवावास के अन्दर चरणकपुर नामक एक छोटे नगर का निवासी यह सुमुख नामक बड़ा धनवान सार्थवाह है । बचपन से ही इसकी भाषा में अत्यधिक कड़वाहट और कठोरता है । लोग इसे दुर्मुख नाम से बुलाने लगे, क्योंकि इसकी वाणी में कटुता और कर्कशता भरी हुई है। इसका ऐसा स्वभाव हो गया था कि कोई उसके पास स्त्री सम्बन्धी चर्चा करे, भोजन सम्बन्धी बात करे, राज्य चर्चा करे या देश कथा करे तो इसे अत्यधिक रुचिकर प्रतीत होती तथा ऐसी स्त्री, भोजन, राज्य या देश की चर्चा का कोई भी प्रसंग पाने पर यह अपने मुंह को वश में नहीं रख सकता था।
इधर चरणकपुर के राजा तीव्र को एक बार अपने शत्रु से युद्ध करने के लिये जाना पड़ा और युद्ध में शत्रुओं को तीव्र राजा ने हरा दिया। जब तीव्र राजा ने शत्रुओं की तरफ कूच किया था तब दुर्मुख ने यह अफवाह फैलाई कि 'हमारे शत्रु बहुत ही बलवान हैं, वे अवश्य ही हमारे राजा को हरा देंगे और अपना नगर लूटने के लिये यहाँ आयेंगे, प्रतः जिनमें शक्ति हो उन्हें अवश्य यह नगर छोड़ कर भाग जाना चाहिये।' इस अफवाह के फैलने से पूरे नगर के लोग नगर को खाली कर भाग गये। युद्ध जीतकर तोव राजा जब वापस चरणकपुर लौटा तो उसने देखा कि पूरा नगर उजड़ गया है। जब राजा ने इसके कारण का पता लगाया तो किसी से उसे मालूम हुआ कि दुर्मुख ने ऐसी अफवाह फैलाई थी जिससे लोग घबरा कर भाग गये । यह सुनकर तीन राजा दुर्मुख पर बहुत क्रोधित हुआ। राजा द्वारा लोगों को सन्तोष दिलाने से नगर फिर से बस गया, पर दुर्मुख ने कैसा जघन्यतम अपराध किया था ! उसने राज्य-विरुद्ध कैसी झूठी अफवाह फैलाई थी! उसको खुली जांच के पश्चात् राजा ने उसे जो दण्ड दिया उसी के फलस्वरूप राजपुरुष लोगों के समक्ष उसे पिघला हुआ तांबा पिला रहे हैं। विकथा (दुर्भाषण) पर विचारणा
प्रकर्ष-अहो मामा ! केवल दुर्भाषण मात्र (झूठी अफवाह फैलाने) से दुर्मुख को इतना भयंकर कष्ट भोगना पड़ रहा है, यह तो बहुत ही कष्टकारक घटना है । [१]
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