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________________ ॥ कल्याणकलिका. खं० २ ।। ।। ३१४ ।। Jain Education International नमश्वमरेन्द्रादिभ्यः स्वाहा ३ | ॐ नमस्तद्देवीभ्यः स्वाहा ४। ॐ नमश्चन्द्रादीन्द्रादिभ्यः स्वाहा ५ । ॐ नमस्तद्देवीभ्यः स्वाहा ६। ॐ नमः किन्नरादीन्द्रादिभ्यः स्वाहा । ॐ नमस्तद्देवीभ्यः स्वाहा ८। षष्ठ वलये दिक्पालपदानि- ॐ नम इन्द्राय स्वाहा १ | ॐ नमोऽग्नये स्वाहा २। ॐ नमो यमाय स्वाहा ३ | ॐ नमो निरृतये स्वाहा ४। ॐ नमो वरुणाय स्वाहा ५ । ॐ नमो वायवे स्वाहा ६ । ॐ नमः कुबेराय स्वाहा ७। ॐ नम ईशानाय स्वाहा ८। ॐ नमो धरणेन्द्राय स्वाहा ९। ॐ नमः ब्रह्मणे स्वाहा १०। प्रथम वलये जिनचरणाधो ग्रहपदानि ॐ नम आदित्याय स्वाहा १ । ॐ नमः सोमाय स्वाहा २ । ॐ नमो मंगलाय स्वाहा ३। ॐ नमो बुधाय स्वाहा ४। ॐ नमो बृहस्पतये स्वाहा ५ । ॐ नमः शुक्राय स्वाहा ६ । ॐ नमः शनैश्वराय स्वाहा ७। ॐ नमो राहवे स्वाहा ८। ॐ नमः केतवे स्वाहा ९ । क्षेत्रपालपदं - ॐ नमो दक्षिणदिग्व्यवस्थित क्षेत्रपालाय स्वाहा । परिषत्त्रिकपदानि - ॐ नमो गणधरादित्रिकाय स्वाहा । ॐ नमो भवनपत्यादिदेवीत्रिकाय स्वाहा २। ॐ नमो भवनपत्यादिदेवत्रिक्राय स्वाहा ३। ॐ नमो वैमानिकदेवादित्रिकाय स्वाहा ४ | प्रथम प्राकारे द्वारोभयपार्श्वस्थितदेवयुगलकपदानि - ॐ नमो वैमानिकयुगलकाभ्यां स्वाहा १ । ॐ नमो व्यन्तरयुगलकाभ्यां स्वाहा २। ॐ नमो ज्योतिष्कयुगलकाभ्यां स्वाहा ३ | ॐ नमो भवनपतियुगलकाभ्यां स्वाहा ४ | प्रथम प्राकार द्वारपाल पदानि ॐ नमः सोमाय स्वाहा । ॐ नमो यमाय स्वाहा २। ॐ नमो वरुणाय स्वाहा ३ | For Private & Personal Use Only ॥ श्री पाद लिप्तसूरि प्रणीतः प्रतिष्ठा विधिः ॥ ।। ३१४ ।। www.jainelibrary.org
SR No.001723
Book TitleKalyan Kalika Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1986
Total Pages660
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Shilpvastu, & Muhurt
File Size11 MB
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