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________________ ॥ श्री पादलिप्तरिप्रणीतः प्रतिष्ठाविधिः ॥ ॐ नमः कुबेराय स्वाहा ४॥ ॥ कल्याण द्वितीय प्राकार द्वारपाली पदानि- ॐ नमो जयायै स्वाहा । ॐ नमो विजयायै स्वाहा । ॐ नमोऽजितायै स्वाहा | कलिका. ३। ॐ नमोऽपराजितायै स्वाहा ।। खं० २ ॥ तृतीय प्राकार द्वारपाल पदानि - ॐ नमस्तुम्बरवे स्वाहा १॥ ॐ नमस्तुम्बरवे स्वाहा २॥ ॐ नमस्तुम्बरखे स्वाहा ३। ॐ नमस्तुम्बरवे स्वाहा ४॥ पूर्वादितोरणपदानि - ॐ नमः सुराधिपतोरणेभ्यः स्वाहा । ॐ नमो धर्मराजतोरणेभ्यः स्वाहा । ॐ नमः ae सलिलाधिपतोरणेभ्यः स्वाहा ३॥ ॐ नमः यक्षाधिपतोरणेभ्यः स्वाहा ।। पूर्वादिध्वजपदानि - ॐ नमो धर्मध्वजेभ्यः स्वाहा । ॐ नमो मानध्वजेभ्यः स्वाहा २। ॐ नमो गजध्वजेभ्यः स्वाहा ३। ॐ नमः सिंहध्वजेभ्यः स्वाहा । मण्डलपूजा मंत्रपदानि - ॐ नमः पीतयुतिपृथिवीमण्डलाय स्वाहा १ । ॐ नमः कृष्णद्युतिवायुमंडलाय स्वाहा २ । नन्द्यावर्तना पूजनना अन्ते यथोपलब्ध फलमेवो चढावा धूप उखेवी, पाटलाने दशिया बडे नवा श्वेत वस्त्रे ढांकबो, उपर गेवासूत्र अथवा रक्तसूत्र वींटवू. वस्त्र उपर चन्दन केसरना छांटा नाखवा, पुष्प-अक्षत वेरखां, प्रतिष्ठागुरुए वासक्षेप करवो, स्थिर प्रतिष्ठामां नन्दावर्तना कर्णिका भागमा प्रतिमानी कल्पना करवी अने चरप्रतिष्ठामा त्यां प्रतिमा स्थापन करवी अने ते पछी पाटलो प्रतिष्ठाप्य जिनप्रतिमावाली वेदी उपर आगलना भागमा स्थापित करवो, आगे बीजा पाटिया उपर नैवेद्य ढोर्बु, ॥ इति नन्दावर्तपूजा मंत्रपदानि ॥ ॥ ३१५ ।। Jan Education Intematon For Private Personal use only www.jainelibrary.org
SR No.001723
Book TitleKalyan Kalika Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1986
Total Pages660
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Shilpvastu, & Muhurt
File Size11 MB
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