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॥ कल्याणकलिका. खं० २॥
॥ ३१२॥
व स्वाहा ३, ॐ नमः उपाध्यायेभ्यः स्वाहा ४, ॐ नमः सर्वसाधुभ्यः स्वाहा ५, ॐ नमो ज्ञानाय स्वाहा ६, ॐ नमो दर्शनाय | स्वाहा ७, ॐ नमश्चारित्राय स्वाहा ८, ॐ नमः शुचिविद्यायै स्वाहा ९ ।
॥ श्री पाद___ प्रथम वलये वैयावृत्त्यकर ४ पदानि. ॐ नमः शक्राय स्वाहा १ । ॐ नमः श्रुतदेवतायै स्वाहा २ । ॐ नम ईशानाय लिप्तसूरिस्वाहा ३॥ ॐ नमः शान्तिदेवतायै स्वाहा ॥
प्रणीतः प्रथम वलये ५ मंगलचिलानि-ॐ नमो नन्द्यावर्ताय स्वाहा । ॐ नमो वज्राय स्वाहा २ । ॐ नमो यवाय स्वाहा ||
प्रतिष्ठा३। ॐ नमोऽऽकुशाय स्वाहा ४॥ ॐ नमः सुमनोदाम्ने स्वाहा ।
विधिः ॥ द्वितीय वलये २४ जिनमातृपदानि-ॐ नमो मरुदेव्यै स्वाहा । ॐ नमो विजयायै स्वाहा । ॐ नमः सेनायै स्वाहा | ३ । ॐ नमः सिद्धार्थायै स्वाहा ।। ॐ नमो मंगलायै स्वाहा ५। ॐ नमः सुसीमायै स्वाहा ६। ॐ नमः पृथिव्यै स्वाहा ७। ॐ नमो लक्ष्मणायै स्वाहा ८। ॐ नमो रामायै स्वाहा ९॥ ॐ नमो नन्दायै स्वाहा १०॥ ॐ नमो विष्णवे स्वाहा ११॥
ॐ नमो जयायै स्वाहा-१२ । ॐ नमः श्यामायै स्वाहा १३ । ॐ नमः सुयशायै स्वाहा १४ । ॐ नमो सुव्रतायै स्वाहा ।१५। ॐ नमोऽचिरायै स्वाहा १६। ॐ नमः श्रियै स्वाहा १७। ॐ नमो देव्यै स्वाहा १८॥ ॐ नमः प्रभावत्यै स्वाहा १९॥
ॐ नमः पद्मावत्यै स्वाहा २०॥ ॐ नमो वप्रायै स्वाहा २१॥ ॐ नमः शिवायै स्वाहा २२॥ ॐ नमो वामायै स्वाहा २३। ॐ नमस्त्रिशलायै स्वाहा २४॥ द्वितीय वलये जयादि ८ देवी पदानि-ॐ नमो जयायै स्वाहा १, ॐ नमो विजयायै स्वाहा २, ॐ नमोऽजितायै |
|| ३१२ ॥ स्वाहा ३, ॐ नमोऽपराजितायै स्वाहा ४, ॐ नमो जंभायै स्वाहा ५, ॐ नमो जंभिन्यै स्वाहा ६, ॐ नमो मोहायै स्वाहा ||
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