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॥ कल्याण
कलिका.
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।। ६५ ।।
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ॐ ईशानाय स्वाहा
ॐ रोहिणि प्रज्ञामि
ॐ कुबेराय स्वाहा वैरुट्या अच्छुप्ता मानसी महामानसी
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आसनयंत्र २
ॐ इन्द्राय स्वाहा
ॐ ब्रह्मणे स्वाहा
ॐ ह्रीं श्री पार्श्वनाथाय (मूलनायक नाम) स्वाहा
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ॐ अग्नये स्वाहा
वज्रशृंखला वज्रांकुशी
अप्रतिचक्रापुरुषदत्ता काली महाकाली यमाय स्वाहा
ॐ धरणेन्द्राय स्वाहा । ॐ पद्मावत्यै स्वाहा
मानवी सर्वाखामहाज्वालागांधारी गौरी
ॐ वायवे स्वाहा । ॐ वरुणाय स्वाहा । ॐ नैऋत्ये स्वाहा ||
॥ जिन
बिम्ब प्रवेश विधिः ॥
(४)
।। ६५ ।।
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