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[कल्याण-कलिका-प्रथमखण्डे ग्रन्थविषय
पृष्टाङ्क कलश, कमल, कूर्म अने योगनालनु भान
३२ आधारशिला उपर कलश आदिनो स्थापनाक्रम कूर्म प्रमाण ६--शिला लक्षण शिलोआनी संख्या शिलाओर्नु स्वरूप शिलानी लंबाई-पहोलाई-जाडाई देवालयनी नन्दादि ८ शिलाओ शिलाओ उपरनां चिन्हो शिलाओनां नामोमा मतभेद उपशिलाओ निधिकलशोनी संख्या अने परिमाण निधिकलशोने अंगे शास्त्राधार ७-वास्तुमपिमर्मादि लक्षण शिराओमहावंशो वंशो अने अनुवंशो मर्म अने उपमर्म देवासनो, द्वारमध्यो अने पदमध्यो संधिओ ग्रन्थान्तरमा सन्धि अने मर्म मर्मोपमर्मादि चक्रम् ६४ पदे मर्मोपमर्मादि चक्रम् ८१ पदे वास्तुपुरुषनां अंग प्रत्यंगो वास्तुपुरुषना शयन प्रकारो
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