SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 80
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आचारदिनकर (खण्ड-३) 36 प्रतिष्ठाविधि एवं शान्तिक-पौष्टिककर्म विधान स्वाहा ३५. ऊँ नमः गीतरतिदेवीभ्यः स्वाहा ३६. ऊँ नमः गीतयशोदेवीभ्यः स्वाहा ३७. ऊँ नमः संनिहितदेवीभ्यः स्वाहा ३८. ऊँ नमः सन्मानदेवीभ्यः स्वाहा ३६. ॐ नमः धातृदेवीभ्यः स्वाहा ४०. ऊँ नमः विधातृदेवीभ्यः स्वाहा ४१. ऊँ नमः ऋषिदेवीभ्यः स्वाहा ४२. ऊँ नमः ऋषिपालदेवीभ्यः स्वाहा ४३. ऊँ नमः ईश्वरदेवीभ्यः स्वाहा ४४. ऊँ नमो महेश्वरदेवीभ्यः स्वाहा ४५. ॐ नमः सुवक्षोदेवीभ्यः स्वाहा '४६. ऊँ नमो विशालदेवीभ्यः स्वाहा ४७. ॐ नमो हासदेवीभ्यः स्वाहा ४८. ऊँ नमो हासरतिदेवीभ्यः स्वाहा ४६. ऊँ नमः श्वेतदेवीभ्यः स्वाहा ५०. ॐ नमो महाश्वेतदेवीभ्यः स्वाहा ५१. ऊँ नमः पतंगदेवीभ्यः स्वाहा ५२. ऊँ नमः पतंगरतिदेवीभ्यः स्वाहा ५३. ऊँ नमः सूर्यदेवीभ्यः स्वाहा ५४. ॐ नमश्चन्द्रदेवीभ्यः स्वाहा ५५. ऊँ नमः सौधर्मेन्द्रदेवीभ्यः स्वाहा ५६. ऊँ नमः ईशानेन्द्रदेवीभ्यः स्वाहा ५७. ऊँ नमः सनत्कुमारेन्द्रपरिजनाय स्वाहा ५८. ऊँ नमो माहेन्द्रपरिजनाय स्वाहा ५६. ॐ नमो ब्रह्मेन्द्रपरिजनाय स्वाहा ६०. ॐ नमो लान्तकेन्द्रपरिजनाय स्वाहा ६१. ऊँ नमः शुक्रेन्द्रपरिजनाय स्वाहा ६२. ऊँ नमः सहस्त्रारेन्द्रपरिजनाय स्वाहा ६३. ऊँ नमः आनतप्राणतेन्द्रपरिजनाय स्वाहा ६४. ऊँ नमः आरणाच्युतेन्द्रपरिजनाय स्वाहा। पुनः बाहर की तरफ एक परिधि बनाएं और उसमें चौबीस पंखुड़ी बनाकर अनुक्रम से निम्न मंत्रपूर्वक वर्तमान चौबीस तीर्थंकरों के यक्षों की स्थापना करें - १. ऊँ नमो गोमुखाय स्वाहा २. ऊँ नमो महायक्षाय स्वाहा ३. ऊँ नमस्त्रिमुखाय स्वाहा ४. ऊँ नमो यक्षनायकाय स्वाहा ५. ॐ नमस्तुम्बरवे स्वाहा ६. ऊँ नमः कुसुमाय स्वाहा ७. ऊँ नमो मातंगाय स्वाहा ८. ऊँ नमो विजयाय स्वाहा ६. ऊँ नमोऽजिताय स्वाहा १०. ऊँ नमो ब्रह्मणे स्वाहा ११. ऊँ नमो यक्षाय स्वाहा १२. ॐ नमः कुमाराय स्वाहा १३. ॐ नमः षण्मुखाय स्वाहा १४. ऊँ नमः पातालाय स्वाहा १५. ॐ नमो किन्नराय स्वाहा १६. ऊँ नमो गरुडाय स्वाहा १७. ऊँ नमो गन्धर्वाय स्वाहा १८. ॐ नमो यक्षेशाय स्वाहा १६ ॐ नमः कुबेराय स्वाहा २०. ऊँ नमो वरुणाय स्वाहा २१. ॐ आरणाच्युतः बाहर की तरफनम्न मंत्रपूर्वक वत' Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001720
Book TitlePratishtha Shantikkarma Paushtikkarma Evam Balividhan
Original Sutra AuthorVardhmansuri
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages276
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Religion, & Vidhi
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy