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आचारदिनकर (खण्ड- ३)
निर्वाणेभ्यः स्वाहा १८. ॐ नमः दिशान्तरक्षितेभ्यः स्वाहा नमः आत्मरक्षितेभ्यः स्वाहा २०. ॐ नमः सर्वरक्षितेभ्यः स्वाहा ॐ नमः मारुतेभ्यः स्वाहा २२. ॐ नमः वसुभ्यः स्वाहा नमोऽश्वेभ्यः स्वाहा २४. ॐ नमः विश्वेभ्यः स्वाहा ।
पुनः बाहर की तरफ एक परिधि बनाएं और उसमें चौसठ पंखुड़ी बनाकर अनुक्रम से निम्न मंत्रपूर्वक चौसठ इन्द्रों की स्थापना करें
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प्रतिष्ठाविधि एवं शान्तिक- पौष्टिककर्म विधान
१६. ऊँ
२१. २३. ॐ
११. ऊँ
ॐ नमः
१५. ऊँ
१७. ॐ
१. ॐ नमः चमराय स्वाहा २. ॐ नमः बलये स्वाहा ३. ॐ नमः धरणाय स्वाहा ४. ॐ नमः भूतानन्दाय स्वाहा ५. ऊँ नमः वेणुदेवाय स्वाहा ६. ऊँ नमः वेणुदारिणे स्वाहा ७. ऊँ नमः हरिकान्ताय स्वाहा ऊँ नमः हरिसहाय ८. स्वाहा ६. ऊँ नमोऽग्निशिखाय स्वाहा १०. ॐ नमोऽग्निमानवाय स्वाहा नमः पुण्याय स्वाहा १२. ऊँ नमः वशिष्ठाय स्वाहा १३. जलकान्ताय स्वाहा १४. ॐ नमः जलप्रभाय स्वाहा नमोऽतिगतये स्वाहा १६. ॐ नमो मितवाहनाय स्वाहा नमो वेलंबाय स्वाहा १८. ॐ नमो प्रभंजनाय स्वाहा १६. ऊँ नमः घोषाय स्वाहा २०. ॐ नमः महाघोषाय स्वाहा २१. ॐ नमः कालाय स्वाहा २२. ॐ नमः महाकालाय स्वाहा २३. ऊँ नमः सुरूपाय स्वाहा २४. ॐ नमः प्रतिरूपाय स्वाहा २५. ॐ नमः पूर्णभद्राय स्वाहा २६. ऊँ नमः मणिभद्राय स्वाहा २७. ऊँ नमो भीमाय स्वाहा २८. ॐ नमो महाभीमाय स्वाहा २६. ॐ नमः किंनराय स्वाहा नमः किंषुरुषाय स्वाहा ३१. ॐ नमः सत्पुरुषाय स्वाहा नमः महापुरुषाय स्वाहा ३३. ॐ नमोऽहिकायाय स्वाहा नमः महाकायाय स्वाहा ३५. ॐ नमः गीतरतये स्वाहा गीतयशसे स्वाहा ३७. ॐ नमः संनिहिताय स्वाहा ३८. ॐ नमः महाकायाय स्वाहा ३६. ऊँ नमः धात्रे स्वाहा ४०. ॐ नमः विधात्रे स्वाहा ४१. ॐ नमः ऋषये स्वाहा ४२. ॐ नमः ऋषिपालाय स्वाहा ४३. ऊँ नमः ईश्वराय स्वाहा ४४. ॐ नमो महेश्वराय स्वाहा ४५. ॐ नमः सुवक्षसे स्वाहा ४६. ॐ नमो विशालाय स्वाहा ४७. ॐ नमो हासाय स्वाहा ४८. ॐ नमो हासरतये स्वाहा ४६. ॐ नमः
३०. ॐ
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३२. ॐ ३४. ॐ ३६. ॐ नमः
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